बोलता गांव डेस्क।। दुनिया भर में तेजी से दहशत फैला रहे कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर राहत भरी खबर आई है। ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन पीएलसी ने अपने नए प्रीक्लीनिकल अध्ययन में पाया है कि इसकी सोट्रोविमैब एंटीबॉडी ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ असरदार है।
ब्रिटिश फार्मास्युटिकल ने कहा कि सोट्रोविमैब पूर्ण ज्ञात ओमिक्रॉन स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ असर को बरकरार रखता है। कंपनी ने बताया कि ये निष्कर्ष पिछले सप्ताह दिए गए प्रारंभिक प्रीक्लिनिकल डेटा पर आधारित हैं। यह दर्शाता है कि एंटीबॉडी सभी वेरिएंट ऑफ कंसर्न के खिलाफ गतिविधि को बरकरार रखता है।
ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी हैल बैरोन ने कहा कि "ये पूर्व-नैदानिक डेटा हमारे मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के नवीनतम संस्करण, ओमिक्रॉन और डब्ल्यूएचओ द्वारा आज तक परिभाषित चिंता के अन्य सभी रूपों के खिलाफ प्रभावी होने की क्षमता को प्रदर्शित करते हैं, और हम इन परिणामों पर दुनिया भर में नियामक प्राधिकरणों पर चर्चा करने के लिए तत्पर हैं।"
दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नये ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर दुनिया भर में चिंता तेज हो गई है। तेजी से संक्रमण फैलाने वाले इस वेरिएंट ने भारत में भी दस्तक दे दी है और अब तक इसके कई मरीज सामने आ चुके हैं। हालांकि यह वेरिएंट इंसानों के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है अभी तक इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है।
वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट कोरोना वायरस की तीसरी लहर का कारण बन सकता है। हालांकि बड़ी मात्रा में टीकाकरण के चलते इसके गंभीर स्थिति में पहुंचने की संभावना के बारे में स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है।
ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर चिंतित करने वाली खबर ब्रिटेन से आई है जहां पर सरकार ने संसद में बताया है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट का ब्रिटेन में कम्युनिटी ट्रांसफर हो चुका है। ब्रिटेन सरकार ने संसद को बताया है कि दक्षिण अफ्रीका में मिला यह वेरिएंट सोसाइटी में फैल चुका है और पूरे देश में अब 335 नए मामलों की पुष्टि हुई है। ब्रिटिश सरकार के मुताबिक यह वेरिएंट पूरे देश में फैल चुका है।