--- डायरी लेखन

--- डायरी लेखन (2)

मैं साल हूँ। साल दर साल जंगलों में खड़ा बेमिसाल हंू। मैंने देखा है वक़्त के साथ बहुत कुछ बदला। मैंने भी अपनी शाखाएँ बदली, पत्ते बदले, लेकिन टिका रहा एक ही जगह पर, तब तक जब तक कोई

 फ़ेस्बुक पर ईद के संदेश देखते देखते पता नहीं कहा से ये एक Air cushioned चप्पल का ऐड देखा , air cushioned जूते में तो सुना था , लेकिन चप्पल में

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