बोलता गांव डेस्क।। ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते खतरे के बीच नेशनल कोविड-19 सुपरमॉडल पैनल की ओर से कहा गया है कि देश में फरवरी तक इसकी पीक देखने को मिल सकती है। पैनल के हेड एम विद्यासागर ने न्यूज18 से एक बातचीत में कहा है कि यूके में अविश्वसनीय तेजी से फैला ओमिक्रॉन वेरिएंट भारत कम खतरनाक दिखता है। आईआईटी हैदराबाद के प्रोफेसर विद्यासागर का मानना है कि यूके मॉडल भारत के लिए अप्रासंगिक है।
विद्यासागर ने कहा कि ओमिक्रॉन को लेकर दो अहम बातें है। पहली- यूके में कम सीरो-पॉजिटिविटी और उच्च वैक्सीन दर है, जबकि भारत में दोनों हैं। जो भारत को कम कमजोर बनाता है। दूसरे- यूके ने ज्यादातर एमआरएनए टीकों का उपयोग करता है जो केवल थोड़े समय के लिए सुरक्षा प्रदान करते हैं। भारत में इन टीकों का उपयोग नहीं किया है। जो भारत की स्थिति को बेहतर करता है। उन्होंने कहा कि कम सीरो-पॉजिटिविटी का मतलब है नेचुरल संक्रमण से कम संक्रमण।
भारत में ओमाइक्रोन के आगमन के आधार पर तैयार किए गए ताजा अनुमानों के अनुसार, देश में जनवरी में मामलों में वृद्धि और फरवरी के अंत तक चरम पर पहुंच सकती है। हालांकि इन निष्कर्षों को सरकार के साथ साझा नहीं किया गया है। ये व्यक्तिगत स्तर पर बनाया गया है।
ओमिक्रॉन को लेकर हाल ही में आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने अपनी रिसर्च में कहा है कि इस नए वैरिएंट से देश में तीसरी लहर आने का खतरा है, जो जनवरी 2022 तक आ सकती है, तो वहीं डेढ़ लाख डेली कोविड केसेज के साथ तीसरी लहर का पीक फरवरी में आने की आशंका है।
देश और दुनिया में कोरोना वारयरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्र ने लोगों से सतर्क रहने को कहा है। देश में ओमिक्रॉन के कुल 101 मामले मिल चुके हैं। 11 राज्यों में ये केस आए हैं। दुनिया के 91 देशों में ओमिक्रॉन वेरिएंट मिल चुका है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि ओमाइक्रोन दक्षिण अफ्रीका में डेल्टा संस्करण की तुलना में तेजी से फैल रहा है।