बोलता गांव डेस्क।।
नई दिल्ली। New criminal law: देश में तीनों नए आपराधिक क़ानून 1 जुलाई को लागू हो जाएंगे। लागू किए जाने वाले कानूनों में भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय सुरक्षा अधिनियम 2023 शामिल हैं। तीनों नए कानून भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), कोड ऑफ़ क्रिमिनल प्रोसीजर और इंडियन एविडेंस एक्ट की जगह लेंगे।
New criminal law: डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) ने शुक्रवार को नोटिस जारी कर इसकी सूचना दी। डीओपीटी ने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से इन नए कानूनों की सामग्री को अपने विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल करने का भी अनुरोध किया है।
New criminal law: बता दें कि दिसंबर, 2023 में केंद्र सरकार ने देश में बीते 150 साल से चले आ रहे तीन बुनियादी आपराधिक क़ानूनों में बड़े पैमाने पर बदलाव किए थे। सरकार का कहना था कि ये क़ानून ब्रिटिश हुकूमत के दौर के हैं और इन्हें भारतीयों पर शासन करने के लिए बनाया गया था।
प्रमुख परिवर्तन जो 1 जुलाई से लागू होंगे
राजद्रोह निरस्त
बीएनएस विधेयक भारतीय दंड संहिता, 1860 के राजद्रोह प्रावधानों को निरस्त करता है।
इसे भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 से प्रतिस्थापित किया गया है।
राष्ट्र की एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों पर ध्यान केंद्रित करने वाली धाराएँ पेश की गई हैं।
महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध
भारतीय न्याय संहिता ने यौन अपराधों से निपटने के लिए ‘महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध’ शीर्षक से एक अध्याय शुरू किया है।
इसके अलावा, संहिता 18 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं के साथ बलात्कार से संबंधित प्रावधानों में संशोधन की सिफारिश कर रही है।
नाबालिग महिला के साथ सामूहिक बलात्कार से संबंधित प्रावधान को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSO) के अनुरूप बनाया गया है।
18 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं के साथ बलात्कार से संबंधित मामलों में आजीवन कारावास या मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है।
कानून के अनुसार, जो कोई भी बलात्कार करता है, उसे कम से कम 10 साल के कठोर कारावास की सजा दी जाएगी, जिसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है और जुर्माना भी देना होगा।
सामूहिक बलात्कार के लिए 20 साल की कैद या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।
इसके अलावा, शादी, नौकरी, पदोन्नति या पहचान छिपाकर महिलाओं का यौन शोषण करना अपराध माना जाएगा।