बोलता गांव डेस्क।। कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट ने पूरी दुनिया की टेंशन बढ़ा रखी है। भारत में भी इसके 30 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। मौजूदा वक्त में विदेश से आने वाले यात्रियों की आरटी-पीसीआर जांच तो की जा रही, लेकिन ओमिक्रॉन का पता लगाने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग में वक्त लग जा रहा है। जिस वजह से भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने एक परीक्षण किट तैयार की, जो कुछ ही घंटों में ओमिक्रॉन वेरिएंट को ट्रैक कर लेगी।
जानकारी के मुताबिक वैज्ञानिक डॉ. विश्वज्योति बोरकाकोटी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर क्षेत्र के क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) ने एक टेस्ट किट तैयार की है, जो दो घंटे में ओमिक्रॉन का पता लगा सकती है। डॉ. विश्वज्योति के मुताबिक ये बहुत ही महत्वपूर्ण किट है, क्योंकि अभी तक ओमिक्रॉन का पता लगाने के लिए न्यूनतम 36 घंटे और पूरे जीनोम सीक्वेंसिंग में 4-5 दिन तक लग जाते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि कोलकाता की एक कंपनी जीसीसी बायोटेक, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर किट का निर्माण कर रही है। किट को स्पाइक प्रोटीन के दो अलग-अलग अत्यधिक विशिष्ट अद्वितीय क्षेत्रों के भीतर SARS-CoV-2 के ओमिक्रॉन वेरिएंट के सिंथेटिक जीन टुकड़ों के खिलाफ परीक्षण किया गया। इसके आंतरिक सत्यापन में पता चला कि ये परीक्षण 100 प्रतिशत सफल है। अमेरिका-
चंडीगढ़ और आंध्रा में भी दस्तक
रविवार को चंडीगढ़ और आंध्र प्रदेश में भी ओमिक्रॉन ने दस्तक दी, जहां 1-1 केस सामने आए। ये दोनों विदेश से लौटे थे। ऐसे में अब देश में ओमिक्रॉन के मरीजों की संख्या 35 हो गई है। वहीं बड़ी संख्या में सैंपल जांच के लिए भेजे गए, ऐसे में आने वाले दिनों में मामले बढ़ सकते हैं।