छत्तीसगढ़ के नए डीजीपी के नाम से पर्दा उठ गया है. अरुण देव गौतम छत्तीसगढ़ के नए डीजीपी बनाए गए हैं, उनके नाम का ऐलान हो गया है. वह शुरू से ही इस रेस में आगे थे, अरुण देव गौतम की पहचान तेजतर्रार अधिकारी के तौर पर होती है. राज्य सरकार की तरफ से उनका नाम UPSC को भेजा गया था. वह अशोक जुनेजा की जगह लेंगे.
पवनदेव और अरुणदेव का नाम सबसे आगे
छत्तीसगढ़ के डीजीपी रहे अशोक जुनेजा का कार्यकाल सोमवार को खत्म हो गया है, ऐसे में नए डीजीपी के तौर सीनियर अधिकारी पवनदेव और अरुणदेव का नाम सबसे ऊपर माना जा रहा था, जिसमें अरुणदेव गौतम को जिम्मेदारी मिली है. फिलहाल वह डीजी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे.
वहीं अरुणदेव गौतम भी 1992 छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस हैं, जो छत्तीसगढ़ के कोरिया, रायगढ़, जशपुर, राजनांदगांव, सरगुजा और बिलासपुर में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वह सचिव गृह विभाग और ओएसडी भी रह चुके हैं. फिलहाल वह छत्तीसगढ़ में डीजी की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
DGP नियुक्ति में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
दरअसल, 2006 में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से यह निर्देश दिया गया था कि राज्यों में डीजीपी नियुक्तियों के लिए राज्य सरकारें संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की तरफ से सूचीबद्ध तीन सबसे वरिष्ठ अधिकारियों में से ही अपने डीजीपी का चयन करें, ऐसे में पहले ही इन अधिकारियों को पैनल बनाए जाते हैं. वहीं जहां डीजीपी के पद पर चयनित अधिकारी को अपने रिटायरमेंट की तारीख की न सोचकर कम से कम दो साल का कार्यकाल पूरा करना चाहिए. इसके अलावा डीजीपी पद के लिए 30 साल की सेवा जरूरी है, केवल स्पेशल केस में ही भारत सरकार किसी अधिकारी को डीजीपी बनाने के निर्देश दे सकती है. क्योंकि छोटे राज्यों में आईपीएस का कैडर छोटा होता है, इसलिए इसे 30 की जगह 25 कर दिया गया है, लेकिन बड़े राज्यों में 30 साल ही जरुरी रहता है.