धमतरी : त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के तहत चार फरवरी को दावा आपत्ति में जिला पंचायत सदस्य क्षेत्र क्रमांक नौ के लिए कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी उत्तम मरकाम के नामांकन पर भाजपा के समर्थित प्रत्याशी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के समधी व पूर्व डीएसपी टीकाराम कंवर की ओर से दावा आपत्ति लगाई गई थी।
कांग्रेस प्रत्याशी उत्तम मरकाम पर सरपंच रहते लाखों रुपये के रिकवरी व अन्य बिंदु पर आवेदन के माध्यम से आपत्ति लगी थी, इसे लेकर कांग्रेस जिलाध्यक्ष शरद लोहाना ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिला प्रशासन सरकार के दबाव में आकर काम कर ही है।
मुख्यमंत्री का समधी जीता तो दे दूंगा इस्तीफा
लोहाना ने कहा कि, अकारण व दबाव में निगम में कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी का नामांकन रद्द किया, अब यदि इसका नामांकन रद्द होता है, तो उचित नहीं होगा। भाजपा लोकतंत्र की हत्या करना बंद करें। चुनाव में जनता जवाब देगी।
चुनाव में मुख्यमंत्री के समधी जीतते हैं, तो मैं कांग्रेस पद से इस्तीफा दे दूंगा और यदि हारे तो मुख्यमंत्री अपने पद से इस्तीफा दें। इस दावे से धमतरी की राजनीति तेज हो गई है। अब जिले के सभी 13 क्षेत्रों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण यह क्षेत्र हो चुका है।
सीएम विष्णुदेव साय के समधी हैं उम्मीदवार
जिला पंचायत क्रमांक नौ क्षेत्र मगरलोड-मोहंदी से भाजपा के समर्थित जिला पंचायत सदस्य के लिए प्रत्याशी प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के समधी व रिटायर्ड डीएसपी टीकाराम कंवर है। वहीं कांग्रेस से समर्थित प्रत्याशी उत्तम मरकाम है, जो पूर्व में जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य व सरपंच रह चुके हैं।
पूरे मामले को लेकर प्रत्याशी टीकाराम कंवर ने कहा कि, “इस संबंध में जिला कांग्रेस अध्यक्ष क्या बोला है और क्या नहीं बोला है। मैं कुछ नहीं जानता। यह तो शरद लोहाना ही बताएगा, उन्हीं से पूछिए।”
कांटे की टक्कर
नाम वापसी व चुनाव चिन्ह आबंटित होने के बाद दोनों के बीच टक्कर रहेगी। इससे पहले ही कांग्रेस के समर्थित प्रत्याशी उत्तम मरकाम के नामांकन पर चार फरवरी को भाजपा की ओर से आपत्ति लगाई गई थी।
आपत्ति के लिए तमाम दस्तावेज नहीं होने के कारण शाम पांच बजे इसकी सुनवाई हुई और नामांकन सही पाया गया। अब कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी के नामांकन पर लगाई गई आपत्ति को लेकर राजनीति तेज हो गई है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है।
टीकाराम कंवर नहीं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मेरा टक्कर
उत्तम मरकाम ने आरोप लगाया है कि वर्ष 2005 में वह गरियाबंद जिले में सरपंच रहा है। जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य भी रह चुके हैं। सरपंच के बाद तीन बार चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन अभी उनके खिलाफ बेवजह भाजपाईयों ने गलत आरोप लगाकर जो आपत्तियां लगाई है, वह उचित नहीं है।
अब उनकी लड़ाई भाजपा प्रत्याशी परसवानी निवासी टीकाराम कंवर से नहीं बल्कि प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ होने की बात कही है, क्योंकि भाजपाईयों ने सत्ता के दबाव में आकर उनके खिलाफ आपत्ति लगाई है और उनके छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है, जो उचित नहीं है।