कोरोना महामारी के बीच भारत में टीकाकरण का काम जारी है. अब तक 18 करोड़ से अधिक डोज़ दी जा चुकी है. 14 करोड़ से अधिक लोगों को पहली डोज़ मिल चुकी है और 4 करोड़ से अधिक लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज़ दी जा चुकी है.
भारत में कोविड-19 महामारी के खिलाफ टीकाकरण के बाद रक्त में थक्का बनने (ब्लट क्लॉटिंग) के मामले बेहद कम हैं और इनकी संख्या देश में संभावित अनुमान जितनी ही है। यह जानकारी सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की राष्ट्रीय एईएफआई समिति की एक रिपोर्ट में सामने आई है।
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सरकारी सलाह
समिति ने कहा है कि कोविशील्ड लेने के बाद देश में अब तक ब्लड क्लॉटिंग के 26 मामले मिले हैं। वहीं, कोवाक्सिन को लेकर समिति को ऐसा एक भी मामला नहीं मिला है। मंत्रालय ने कोविशील्ड टीका लेने वालों को लेकर एडवाइजरी जारी की और कहा 20 दिनों तक कोई तकलीफ आने पर टीका केंद्र पर तुरंत जाएं।
सतर्क रहें -
कोरोना का कोई भी टीका लगवाने के बाद 20 दिन में संदिग्ध थ्रोम्बोम्बोलिक लक्षण दिखने पर सतर्क रहने के लिए एक सलाह जारी करेगी। कुछ देशों में टीकाकरण के बाद, खासतौर पर एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन लेने के बाद रक्तस्राव व थक्के जमने की घटनाओं को लेकर अलर्ट जारी किए गए हैं। देश में कोविन प्लेटफॉर्म के माध्यम से 23,000 से अधिक प्रतिकूल घटनाओं की सूचना मिली थी। इनमें से केवल 700 मामले (9.3 मामले/ प्रति 10 लाख) गंभीर और गंभीर प्रकृति के बताए गए थे।
इनमें से 498 गंभीर और गंभीर घटनाओं के मामलों की समीक्षा पूरी कर ली है। इनमें से 26 मामले थक्के जमने के थे। ये कोविशील्ड से संबंधित थे, जबकि कोवाक्सिन डोज लेने के बाद इसकी सूचना नहीं थी। ब्रिटेन में ऐसे मामले प्रति 10 लाख पर चार और जर्मनी में प्रति 10 लाख पर 10 पाए गए हैं।