छत्तीसगढ़ में फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने और किसानों को उनके उत्पाद का सही दाम दिलाने के लिए मेगा फूड पार्क की शुरूआत की गई है। इस पार्क से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा और किसानों को भी फायदा होगा। रायपुर में बने इस फूड पार्क में किसानों और फूड प्रोसेसिंग से जुड़े लोगों को कोल्ड स्टोरेज, पैक हाउस, वेयर हाउस, पैकेजिंग लाइन, खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला जैसी कई सुविधाएं मिलेंगी। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के साथ वर्चुअल रूप में इंडस बेस्ट मेगा फूड पार्क का उद्घाटन कर दिया है। इस मौके पर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कि मेगा फूड पार्क मूल्यवर्धन, कृषि उत्पादों के लिए लंबी शेल्फ लाइफ, किसानों के लिए बेहतर मूल्य प्राप्ति, उत्कृष्ट भंडारण सुविधा सुनिश्चित करेगा और क्षेत्र में किसानों के लिए वैकल्पिक बाजार प्रदान करेगा। यह पार्क लगभग 5000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेगा और सीपीसी तथा पीपीसी जलग्रहण क्षेत्र में लगभग 25000 किसान लाभान्वित होंगे।
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तोमर ने यह भी कहा कि पार्क में खाद्य प्रसंस्करण के लिए लगाई गई आधुनिक अवसंरचना प्रसंस्कर्ताओं और छत्तीसगढ़ और निकटवर्ती क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को काफी लाभ पहुंचाएगा और छत्तीसगढ़ राज्य में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास में बड़ा प्रोत्साहन साबित होगा। वर्तमान सरकार भारत में उद्यम शुरू करने के इच्छुक निवेशकों को सहज, पारदर्शी और सरल वातावरण प्रदान करने के लिए पूरी तरह से संकल्पबद्ध हो । उन्होंने कहा कि सरकार ने भारत को एक लचीली खाद्य अर्थव्यवस्था और विश्व की खाद्य फैक्टरी बनाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण को 'आत्मनिर्भर भारत' का एक प्रमुख क्षेत्र बनाया है।
मेसर्स इंडस बेस्ट मेगा फूड पार्क प्राइवेट लिमिटेड छत्तीसगढ़ में
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खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के विकास को गति देने के लिए मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर जिले में मेगा फूड पार्क को मंजूरी दी है जिसे मेसर्स इंडस बेस्ट मेगा फूड पार्क प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। मेसर्स इंडस बेस्ट मेगा फूड पार्क प्राइवेट लिमिटेड को 63.8 एकड़ भूमि में 145.5 करोड़ रुपये की परियोजना लागत से स्थापित किया गया है। इस मेगा फूड पार्क के सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) में कार्यान्वयन एजेंसी द्वारा बनाई गई सुविधाओं में कोल्ड स्टोरेज - 3,745 एमटी, पैक हाउस - 10 एमटी प्रति घंटा, ड्राई वेयरहाउस - 12,000 एमटी, बॉयलर - 8 एमटी, एसेप्टिक पल्पिंग और पैकेजिंग लाइन- आम के लिए 6 मीट्रिक टन/घंटा और टमाटर के लिए 12 मीट्रिक टन, आईक्यूएफ और डीप फ्रीज 2एमटी/घंटा और 1500 मीट्रिक टन, अत्याधुनिक सक्षम बुनियादी ढांचे के अलावा खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला शामिल हैं।
पार्क में उद्यमियों के कार्यालय और अन्य उपयोग के लिए सामान्य प्रशासनिक भवन और रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग जिलों में 03 प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र भी हैं, जिसमें किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए जलग्रहण क्षेत्र में खेतों के पास प्राथमिक प्रसंस्करण और भंडारण की सुविधा है। इस मेगा फूड पार्क से रायपुर जिले के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के अन्य जिलों के लोगों को भी लाभ होगा।
क्या है मेगा फूड पार्क योजनाखाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देने पर फोकस कर रहा है ताकि कृषि क्षेत्र तेजी से बढ़े और किसान की आय को दोगुना करने में एक प्रमुख योगदानकर्ता बन जाए। जल्द खराब होने वाले उत्पादों पर विशेष ध्यान देने के साथ आपूर्ति श्रृंखला के प्रत्येक चरण में मूल्यवर्धन और खाद्य अपव्यय को कम करके खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय देश में मेगा फूड पार्क योजना लागू कर रहा है।
मेगा फूड पार्क क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण के माध्यम से मजबूत फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेज के साथ खेत से बाजार तक मूल्य श्रृंखला के साथ खाद्य प्रसंस्करण के लिए आधुनिक बुनियादी सुविधाओं का निर्माण करते हैं। केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र में सामान्य सुविधाओं और सक्षम बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाता है और प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र (पीपीसी) और संग्रह केंद्र (सीसी) के रूप में फार्म के निकट प्राथमिक प्रसंस्करण और भंडारण की सुविधाएं बनाई जाती हैं। इस योजना के तहत भारत सरकार प्रति मेगा फूड पार्क परियोजना 50.00 करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान करती है।