बोलता गांव डेस्क।। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब बुधवार को आंदोलनकारी किसानों के लिए एक और बड़ा ऑफर दिया। सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने किसानों के खिलाफ कृषि कानूनों के आंदोलन और पराली जलाने के संबंधी मुकदमों के 'तत्काल' लेने की पेशकश की है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार का यह फैसला संयुक्त किसान मोर्चे के पांच सदस्यीय पैनल को भेजे गए लिखित ड्राफ्ट किसानों के सवाल उठाने के बाद आया है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बीते मंगलवार शाम को प्रदर्शनकारी किसानों को एक प्रस्ताव भेजा जिसमें एमएसपी की मांग की जांच के लिए एक समिति के गठन का आश्वासन दिया गया था। इस बीच बुधवार को सिंधु बॉर्डर पर साल भर से चल रहे आंदोलन पर फैसला करने के लिए हुई संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा बुलाई एक बैठक के बीच सरकार की तरफ से किसानों पर दर्ज सभी मुकदमों को वापल लेने का ऑफर दिया गया। वहीं किसानों ने बैठक में पांच सदस्यीय पैनल ने केंद्र द्वारा गतिरोध खत्म करने के लिए दिए गए पिछले प्रस्ताव में खामियां निकालीं।
इसके अलावा किसानों ने पंजाब सरकार की तर्ज पर आंदोलन के दौराम मारे गए किसानों के लिए आर्थिक मुआवजे की मांग भी रखी। बता दें कि कथित तौर पंजाब सरकार ने मारे गए 700 से अधिक किसानों के परिवारों वालों को 5-5 लाख रुपए मुआवजे की और नौकरी दी है। किसान नेताओं की एक पांच सदस्यीय टीम नई पेशकश पर चर्चा करने के लिए दिल्ली में बैठक कर रही है। सरकार की तरफ से वादा किया गया है कि इस टीम में एमएसपी पर निर्णय लेने वाली एक समिति में संयुक्त किसान मोर्चा के किसान शामिल होंगे, न कि किसान संघों को, जिन्होंने पहले कृषि कानूनों के लिए समर्थन व्यक्त किया था।