सेल के मामले में दुनिया का नंबर वन बिस्कुट ब्रांड बन चुके पारले प्रोडक्ट्स जी अगले हफ्ते गेहूं का पैक्ड आटा लॉन्च करने जा रहा है। इससे पैक्ड आटे के आधे बाजार पर कब्जा जमाए बैठे आईटीसी के 'आशीर्वाद' को कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है। बता दें पारले प्रोडक्ट्स देश में गेहूं के आटे के सबसे बड़े खरीदारों में से एक है। बिजनेस साइट ET की खबर के मुताबिक अपने 90 साल के इतिहास में यह पहली बार है कि वह भारत में गेहूं का आटा बेचने जा रहा है। मुंबई मुख्यालय वाले पारले प्रोडक्ट्स के सीनियर कैटेगरी हेड मयंक शाह ने बताया कि प्रोडक्ट की कीमत किफायत भरी होगी।
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बता दें पिछले लॉकडाउन के दौरान जब एक तरफ अधिकतर कंपनियों को बिक्री में भारी गिरावट का सामना करना पड़ा, उस दौरान पारले जी बिस्किट की रिकॉर्ड बिक्री हुई। पिछले साल मार्च, अप्रैल और मई में 8 दशक में पारले जी की सर्वाधिक बिक्री हुई है। 1938 में कंपनी खुलने के बाद से सबसे अधिक बिक्री हुई। 24 मार्च 2020 को लॉकडाउन की शुरुआत के कुछ ही दिनों के बाद पारले जैसी कंपनियों ने दोबारा उत्पादन शुरू कर दिया था। इनमें से कुछ कंपनियों ने अपने अपने कर्मचारियों को लाने-पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्ट की सुविधा दी। फैक्ट्री खुलने के बाद कंपनियों का फोकस लोकप्रिय उत्पादों के उत्पादन और अधिकतम बिक्री पर था।
हर दिन 40 करोड़ पारले-जी बिस्किट का होता है उत्पादन
सामान्य दिनों में हर रोज करीब 40 करोड़ पारले जी बिस्किट का उत्पादन होता है। इसको लेकर कई रोचक तुलना की जाती है। कहा जाता है कि एक महीने में पारले जी का इतना उत्पादन होता है कि पृथ्वी से चांद तक बिस्किट बिछा सकते हैं। एक साल में पारले जी बिस्किट की जितनी खपत है उसे यदि मिला दें तो पृथ्वी के चारों ओर करीब 192 बार लपेटा जा सकता है। पारले जी बिस्किट का उत्पादन देश में 130 फैक्ट्रियों में होता है। इनमें से 120 कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं और 10 कंपनी की अपनी फैक्ट्रियां हैं। भारत में बिस्किट का बाजार 2020 में करीब 36 से 37 हजार करोड़ रुपए का हो सकता है।