बोलता गांव डेस्क।।
नई दिल्ली/कोलकाता। World Heritage: पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले में स्थित शांतिनिकेतन को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है। शांतिनिकेतन को इस सूची में शामिल करने का फ़ैसला सऊदी अरब में चल रही विश्व धरोहर समिति के 45वें सत्र के दौरान लिया गया। ये सत्र 10 से 25 सितंबर तक चलेगा।
World Heritage: यूनेस्को ने कहा,यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शांतिनिकेतन शामिल, भारत को बधाई। बता दें कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित इस सांस्कृतिक स्थल को यूनेस्को की धरोहर सूची में शामिल कराने के लिए भारत लंबे समय से प्रयास कर रहा था। बता दें कि शांतिनिकेतन में ही रवींद्रनाथ टैगोर ने एक सदी पहले विश्वभारती की स्थापना की थी। यूनेस्को ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट के ज़रिए यह घोषणा की।
World Heritage: पीएम नरेंद्र मोदी ने इस घोषणा पर खुशी जताते हुए एक्स पर लिखा, गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के दृष्टिकोण और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक शांतिनिकेतन को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल पर खुशी हुई। ये सभी भारतीयों के लिए गर्व का क्षण है।
World Heritage: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शांतिनिकेतन को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने पर खुशी जताई। स्पेन के दौरे पर गईं ममता बनर्जी ने एक्स पर पोस्ट किया, खुशी और गर्व है कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का शहर–हमारा शांतिनिकेतन अब आखिरकार यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल हो गया है।
क्या है शांतिनिकेतन
World Heritage: साल 1901 में रवींद्रनाथ टैगोर ने इसकी स्थापना की थी। शांतिनिकेतन आवासीय स्कूल और प्राचीन भारतीय परंपराओं पर आधारित एक कला केंद्र है। 1921 में शांतिनिकेतन में एक विश्व विश्वविद्यालय की स्थापना की गई, जिसे बाद में ‘विश्व भारती’ का नाम दिया गया। विश्वभारती के कुलपति प्रधानमंत्री हैं।