बोलता गांव डेस्क।। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में विशेष सुरक्षा दल (एसपीजी) के जवान तैनात रहते हैं। उनकी सुरक्षा में विभिन्न घेरों के तहत एक हजार से ज्यादा कमांडो तैनात रहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पंजाब के फिरोजपुर में एक रैली को संबोधित करने जा रहे थे, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक के चलते इसे रद्द कर दिया गया। गृह मंत्रालय के अनुसार पंजाब के हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से करीब 30 किलोमीटर दूर जब प्रधानमंत्री का काफिला फ्लाईओवर पर पहुंचा तो पाया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क को अवरुद्ध कर दिया था। करीब 15-20 मिनट तक प्रधानमंत्री फ्लाईओवर पर फंसे रहे।
इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय का कहना है कि पंजाब की सरकार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कार्यक्रम के बारे में पहले ही पूरी जानकारी दे दी गई थी। इसके बाद भी प्रदेश की सरकार की ओर से सुरक्षा की कोई तैयारी नहीं की गई। इसी सुरक्षा चूक के बाद प्रधानमंत्री ने वापस बठिंडा हवाई अड्डे जाने का फैसला किया। इस रिपोर्ट में पढ़िए देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कितने जवान तैनात रहते हैं और उनकी सुरक्षा के कितने चक्र होते हैं।
प्रधानमंत्री के काफिले में सबसे पहले दिल्ली पुलिस सिक्योरिटी स्टाफ की गाड़ी सायरन बजाती हुई चलती है। इसके बाद एसपीजी की गाड़ी और फिर दो गाड़ियां चलती हैं। इसके बाद दाईं और बाईं तरफ से दो गाड़ियां रहती हैं जो बीच में चलने वाली प्रधानमंत्री की गाड़ी को सुरक्षा प्रदान करती है। पीएम मोदी की सुरक्षा में विशेष सुरक्षा दल (एसपीजी) के जवान तैनात रहते हैं। उनकी सुरक्षा में विभिन्न घेरों के तहत एक हजार से ज्यादा कमांडो तैनात रहते हैं।
ब्लू बुक के नियम अहम
प्रदेश में जब भी वीवीआई आते हैं तो सड़क पर उनके सफर को लेकर कुछ नियम तय हैं जोकि ब्लू बुक में दर्ज हैं। नियम कहते हैं कि पायलट और स्कॉर्ट को जरूरत के अनुसार मुहैया कराना चाहिए। नियम के अनुसार वीवीआई कार स्कॉर्ट-1 और स्कॉर्ट-2 एक ही रंग और एक ही मॉडल की होनी चाहिए। जरूरत के अनुसार सिक्योरिटी बॉक्स में मुख्य कार और खाली कार बुलेट प्रूफ होनी चाहिए।
ड्राइवर के लिए निर्देश
इन गाड़ियों को चलाने वाले ड्राइवर का अनुभवी होना जरूरी है। साथ ही ड्राइवर की विस्तृत जानकारी होना भी अहम है। एक बार कारों का काफिला तय होने का बाद इसे बदला नहीं जाना चाहिए। कार में बैठने वालों का क्रम भी पहले से तय होना चाहिए, साथ ही ड्राइवर को यह निर्देश दिए जाते हैं कि वह हमेशा अपनी कार के पास रहें। ड्राइवर को कार की रफ्तार की जानकारी होनी चाहिए जिससे कि वह काफिले में उस रफ्तार को बरकरार रख सके। कार पर लगने वाली फ्लैग रॉड कार के बोनट के बीच में नहीं बल्कि बाएं किनारे लगनी चाहिए।
पीएम के चारों तरफ रहते हैं एसपीजी कमांडो
सार्वजनिक कार्यक्रम में एसपीजी कमांडो पीएम के चारों तरफ रहते हैं और उनके साथ-साथ चलते हैं। किसी भी कमांडो को पीएम की सुरक्षा में तैनात करने से पहले उसके बारे में गहन छानबीन की जाती है। प्रधानमंत्री के निजी सुरक्षा गार्ड सुरक्षा घेरे की दूसरी पंक्ति में तैनात रहते हैं। यह भी एसपीजी के बराबर प्रशिक्षित और दक्ष होते हैं जो किसी भी अनहोनी को रोकने में सक्षम होते हैं। तीसरे सुरक्षा चक्र में नेशनल सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) होते हैं।
चौथे चक्र में अर्द्धसुरक्षा बल के जवान और विभिन्न राज्यों के पुलिस अधिकारी होते हैं। जब पीएम किसी राज्य में जाते हैं तो यह प्रदेश पुलिस की जिम्मेदारी होती है कि वह बाहरी सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही किसी भी अनहोनी को रोके। सुरक्षा के पांचवे चक्र में कमांडो और पुलिस कवर के साथ कुछ अत्याधुनिक तकनीकी सुविधाओं से लैस वाहन और एयरक्राफ्ट रहते हैं। यह सभी वाहन उच्च क्षमता के सैन्य आयुधों (आर्म्स एम्युनिशन) से लैस होते हैं।