पेगासस स्पाइवेयर यूनिट बंद होने की कगार पर, जानिए वजह Featured

बोलता गांव डेस्क।। पेगासस स्पाइवेयर कुछ दिनों पहले काफी चर्चा में रहा था। विपक्ष ने केंद्र सरकार पर इस वायरस का इस्तेमाल करके जासूसी करने का आरोप लगाया था। लेकिन एक बार फिर से इस स्पाइवेयर को बनाने वाली कंपनी चर्चा में है। दरअसल एनएसओ नाम की कंपनी जोकि इस स्पाइवेयर को बनाती है वह लगातार बढ़ते कर्ज की वजह से पेगासस यूनिट को बंद करने का विचार कर रही है। कंपनी कर्ज से उबरने के लिए पेगासस यूनिट को बंद किए जाने समेत कई विकल्पों पर विचार कर रही है। यही नहीं कंपनी पेगासस यूनिट को पूरी तरह से बेचने पर भी विचार कर रही है।

कंपनी ने इस बाबत कई निवेशकों से चर्चा भी की है।
जिन दो संभावित लोगों के नाम सबसे आगे आ रहे हैं जोकि इस यूनिट को खरीद सकते हैं उसमे दो अमेरिकी शामिल हैं, जिन्होंने कंपनी से पेगासस के अधिग्रहण को लेकर चर्चा की है। ऐसे में अगर यह डील होती है तो कंपनी को 200 मिलियन डॉलर का निवेश मिलेगा। हालांकि एनएसओ के एक प्रवक्ता ने इस तरह की खबरों से इनकार किया है। गौर करने वाली बात है कि पेगासस सॉफ्टवेयर किसी भी व्यक्ति का मोबाइल फोन ट्रैक कर सकता है, इसके दुरुपयोग की वजह से ही एनएसओ विवाद में आ गई थी।

आरोप है कि पेगासस सॉफ्टवेयर को सरकारों को सप्लाई किया गया
ताकि वो अपने राजनीतिक विरोधियों, पत्रकारों और एक्टिविस्ट की जासूसी कर सके। हालांकि कंपनी का कहना था कि यह सॉफ्टवेयर सिर्फ सरकारों और कानूनी संस्थाओं को ही दिया जाता है जिससे कि आतंकवाद और अपराध को रोकने में मदद मिले। वहीं अमेरिकी कॉमर्स डिपार्टमेंट ने एनएसओ को ब्लैकलिस्ट कर रखा है। एप्पल ने भी एनएसओ के खिलाफ केस दर्ज किया ताकि कंपनी उसके उत्पाद और सेवाओं का इस्तेमाल ना कर सके।


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