बोलता गांव डेस्क।।
राजस्थान और एमपी की तरह छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी ने सीएम चेहरे का ऐलान नहीं किया था. पार्टी ने ये चुनाव पीएम मोदी के नाम और सामूहिक नेतृत्व पर लड़ा था. बीजेपी ने चार सांसदों को भी विधानसभा चुनाव में मैदान में उतारा था.
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के नतीजे आ रहे हैं. अब तक आए नतीजों में लगभग स्पष्ट हो गया है कि राजस्थान और मध्यप्रदेश की तरह छत्तीसगढ़ में भी बीजेपी को बहुमत मिल गया है. इसी के साथ कांग्रेस ने हिंदी बेल्ट के एक और राज्य से सत्ता गंवा दी है. बीजेपी ने यह चुनाव पीएम मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा था, ऐसे में बीजेपी नेता उन्हें जीत की मुख्य वजह बता रहे हैं. हालांकि, ऐसे कई फैक्टर और हैं, जो बीजेपी की जीत की वजह माने जा रहे हैं.
7 फैक्टर, जिन्होंने छत्तीसगढ़ में बीजेपी को दिला दी जीत
1- छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने महतारी वंदन योजना के तहत विवाहित महिलाओं को 12,000 रुपये सालाना की आर्थिक मदद का वादा किया है. बीजेपी ने इस योजना के लिए राज्य की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 50,000 से अधिक फॉर्म भरवाए हैं.
2. इसके अलावा बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में भूमिहीन किसानों और मजदूरों को 10,000 रुपये सालाना देने का वादा किया था. माना जा रहा है कि वोटरों को लुभाने के लिए बीजेपी का यह वादा काफी मददगार साबित हुआ.
3- बीजेपी की ओर से छ्त्तीसगढ़ में चुनाव प्रबंधन और रणनीति का जिम्मा पवन साईं, ओम माथुर और मनसुख मंडाविया पर था. इस तिकड़ी ने सभी 90 सीटों पर रणनीति बनाई, इसी के तहत बीजेपी छत्तीसगढ़ में बघेल का किला भेदने में सफल हो सकी.
4- बीजेपी ने चुनाव में 2 लाख सरकारी नौकरियों का वादा किया. माना जा रहा है कि युवाओं खासकर पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं ने पीएम मोदी के नाम पर बीजेपी पर भरोसा जताया.
5- बीजेपी ने भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार को मुख्य मुद्दा बनाया. कथित महादेव ऐप हो या गोबर घोटाला... पीएम मोदी से लेकर अमित शाह, जेपी नड्डा तक इसी मुद्दे पर कांग्रेस और बघेल सरकार को घेरते नजर आए.
6- बीजेपी ने खास रणनीति के तहत टिकट दिए. टिकट बंटवारे के दौरान साहू, सतनामी समेत सभी समाजों को ध्यान में रखकर टिकट बांटे गए. इसका फायदा ये हुआ कि दोनों समुदाय बीजेपी की ओर झुक गए.
7- छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने चार सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारा. इसका फायदा नतीजों में मिलता दिख रहा है. बीजेपी ने इस बार रेणुका सिंह, अरुण साव, विजय बघेल और गोमती साय को विधानसभा चुनाव में टिकट दिया.