बोलता गांव डेस्क।। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने शुक्रवार (10 दिसंबर) को कहा कि किसानों का आंदोलन अभी खत्म नहीं हुआ है। ये बस अभी रुका हुआ है। किसानों को गुरुवार (09 दिसंबर) को केंद्र से उनकी लंबित मांगों पर सहमति का औपचारिक पत्र मिलने के बाद, सिंघू सीमा पर किसानों ने कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध वापस लेने के बाद अपने घर लौटने की तैयारी शुरू कर दी। किसानों के विरोध के बारे में पूछे जाने पर, भूपेश बघेल ने कहा, "किसानों ने अपना आंदोलन वापस नहीं लिया है। बस इसे रोक दिया है। आंदोलन समाप्त नहीं हुआ है। किसान पहले सरकार के प्रस्तावों को देखेंगे और फिर फैसला करेंगे।
कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खिलाफ छत्तीसगढ़ की तैयारियों पर मुख्यमंत्री ने कहा, 'हम ओमिक्रॉन वैरिएंट के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। और हम प्रार्थना करते हैं कि यह छत्तीसगढ़ न आए।"
बता दें कि पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने बुधवार को घोषणा की कि वे अपने साल भर के आंदोलन को स्थगित कर रहे हैं और 11 दिसंबर को विरोध स्थलों को खाली कर देंगे।
किसान नेता गुरनाम सिंह चारुनी ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "हमने अपना आंदोलन स्थगित करने का फैसला किया है। हम 15 जनवरी को एक समीक्षा बैठक करेंगे। अगर सरकार अपने वादे पूरे नहीं करती है, तो हम अपना आंदोलन फिर से शुरू कर सकते हैं।"
इससे पहले 29 नवंबर को संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा दोनों ने कृषि कानून निरसन विधेयक पारित किया था।पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की बात की घोषणा की थी। उसके बाद लोकसभा और राज्यसभा दोनों ने कृषि कानून निरसन विधेयक पारित किया है।