काशी-मथुरा-अयोध्या के बहाने हिन्दुत्व पर फोकस... Featured

बोलता गांव डेस्क।। उत्तर प्रदेश की काशी में 13 दिसंबर को होने वाले कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने में संगठन और सरकार दोनों जुटे हुए हैं। एक तरफ जहां काशी में बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक होनी है वहीं दूसरी ओर काशी में ही देशभर में बीजेपी के जितने महापौर हैं वो भी रोड शो करेंगे। काशी के साथ ही अब बीजेपी ने इसको अयोध्या से भी कनेक्ट कर चुनावी साल में बड़ा दांव खेला है। बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री 14 दिसंबर को रामलला के दर्शन भी करेंगे और रात को ये सभी रात विश्राम अयोध्या में करेंगे। उसके बाद अगले दिन वाराणसी में भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सम्मेलन में भाग लेंगे। बीजेपी शासित प्रदेशों को खास रणनीति के तहत अयोध्या ले जाया जा रहा है ताकि चुनाव से पहले जनता के बीच हिन्दुत्व को और कनेक्ट किया जा सके।

हिन्दुत्व के एजेंडे पर पूरी तरह से फोकस
अयोध्या में कार्यक्रम के लिए सक्रिय हुए बीजेपी नेताअयोध्या में कार्यक्रम के लिए सक्रिय हुए बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने बताया था कि 14 दिसंबर को वाराणसी में भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री सम्मेलन होगा। इसमें नगर विकास और अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। इसके पहले राम नगरी अयोध्या का यह विशेष कार्यक्रम होगा। इसमें सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के साथ बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे।

बीजेपी शासित राज्यों के सीएम पहुंचेंगे अयोध्या
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक अयोध्या में दर्शन करने वालों में असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा, हरियाणा के मनोहर लाल खट्टर, त्रिपुरा से विप्लव दास, मध्य प्रदेश से शिवराज चौहान, उत्तराखंड से पुष्कर धामी, हरियाणा से कुलदीप बिश्नोई, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, गोवा, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, गुजरात से मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री के भाग लेने की संभावना है। राम नगरी में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में एक साथ विभिन्न प्रदेश के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री शामिल होंगे।

चुनाव से पहले बड़ा संदेश देना चाहती है बीजेपी
इसके जरिए भाजपा यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बड़ा संदेश देना चाहती है। इसके जरिये हिंदुत्व के एजेंडे को भाजपा और मजबूती से उत्तर प्रदेश में लागू करेगी। दूसरे प्रदेशों के 18 बड़े नेता एक साथ अयोध्या में 14 दिसंबर की दोपहर में पहुंचेंगे। वे यहां रामलला और हनुमान गढ़ी के दर्शन करेंगे. वे शाम को सरयू आरती में भी शामिल हो सकते हैं। दरअसल अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेजी से हो रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यहां दर्शन शुरू हो जाएंगे। इसका सीधा असर लोकसभा चुनाव पर भी जाएगा। मगर काशी कॉरिडोर लोकार्पण के साथ एक बड़ा आयोजन अयोध्या में करेगी।

बीजेपी का दावा- काशी के पुराने गौरव को लौटाने का प्रयास
'दिव्य काशी भव्य काशी' अभियान के तहत प्रदेशव्यापी स्वच्छता अभियान का शुभारंभ किया। राजधानी के पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के पश्चिम मंडल 1 स्थित रामजानकी मंदिर में उन्होंने स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ मंदिर की साफ सफाई में अपना योगदान दिया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से काशी के पुराने गौरव की पुनर्स्थापना हो रही है। 13 दिसंबर को उनके कर कमलों द्वारा काशी विश्वनाथ धाम में बने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण किया जा रहा है। जिसके तहत 12 दिसंबर तक विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है।

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