कोरोना के संकट के बीच छत्तीसगढ़ सरकार स्कूल खोलने पर विचार कर रही है। गौरतलब है कि प्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण लगभग पिछले एक साल से स्कूल को बंद किया गया है। इस साल 16 जून से स्कूल खोलने के लिए सरकार द्वारा विचार किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार में शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम ने कहा है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो 16 जून के बाद स्कूल खोले जा सकते है। हम इस पर विचार कर रहे है। आगे उन्होंने कहा है कि स्कूल खोलने और वहां हर हाल में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करवाने की प्लानिंग करने अफसरों को कहा गया है।
बता दें कि प्रदेश में लगभग एक साल से बंद पड़े स्कूल को खोलने के लिए 16 जून से पहले एक अहम बैठक बुलाई जा सकती है। जिसमें प्रदेश में किस प्रकार से स्कूल खोले जाएं इस पर विचार किया जा सकता है। शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम ने कहा कि शिक्षा विभाग स्कूल खोलने को तैयार है, लेकिन इससे पहले मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्ताव रखा जाएगा। मंत्रिमंडल के फैसले के बाद स्कूल खोले जाएंगे।
स्कूल खोलने पर क्या बोले रविन्द्र चौबे
प्रदेश में स्कूल खोलने के संबंध में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने भी अपना बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में स्कूल तभी खुलेंगे जब संक्रमण का दर लगभग समाप्त हो जाएगा, बच्चों में संक्रमण फैलने की किसी भी स्थिति में स्कूल नहीं खोला जाएगा।
क्या कहते है पालक और शिक्षाविद
कोरोना की दूसरी लहर के तेजी से संक्रमण होने के बाद देश भर में बड़ी संख्या में कोरोना के मामलें सामने आए है। छत्तीसगढ़ में भी कोरोना की दूसरी लहर का बड़ा प्रभाव देखने को मिला है। यहां भी बड़ी संख्या में केस आए और हजारों की संख्या में लोगों की जान भी गई है। हालांकि प्रदेश में अब पहले की अपेक्षा अभी संक्रमण दर कम है लेकिन पलकों को आने वाले कोरोना के तीसरे लहर की चिंता ज्यादा है। शिक्षाविद डॉ. जवाहर सुरिशेट्टी ने कहा है कि कुछ सावधानी बरती जाए तो स्कूल खोल सकते है। इसे दो तरीके से किया जा सकता है। बच्चों की कक्षा में 50 प्रतिशत उपस्थिति और तीन दिन ऑनलाइन क्लासेस ली जा सकती है। एक सप्ताह के ट्रायल रन से यह पता चल सकेगा कि पालक अपने बच्चों को स्कूल भेजने तैयार है कि नहीं। स्कूल खोलने पर आईएमए के अध्यक्ष डॉ. महेश सिन्हा के कहा है कि अभी के हालात में स्कूल खोलने का निर्णय उचित नहीं हो सकता। ऐसा करना जल्दबाजी होगी।
बता दें कि पिछले साल स्कूल के फीस माफी पर भी विवाद चल रहा है। पालकों द्वारा लगातार मांग किया जा रहा है बंद पड़े स्कूल में पूरी फीस लेने पर सरकार को जल्द फैसला करना चाहिए। विधायक विकास उपाध्याय इस विषय पर शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला से मुलाकात कर मांग किया है कि निजी स्कूलों के फीस के मामलें पर नोडल अधिकारी नियुक्त करे।