‘हिंदू धर्म की महानता को कम मत आंको’, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की शहरों के नाम बदलने की मांग वाली याचिका Featured

बोलता गांव डेस्क।।

सुप्रीम कोर्ट ने शहरों के नाम बदलने की मांग वाली जनहित याचिका को सोमवार को खारिज कर दिया है। वकील अश्विनी उपाध्याय की ओर से ये PIL दाखिल की गई थी। याचिका में कोर्ट से केंद्र सरकार को ‘रिनेमिंग कमीशन’ गठन के लिए निर्देश देने का मांग की गई थी। मांग की गई थी कि विदेशी आक्रमणकारियों की ओर से बदले गए ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों के मूल नामों का पता लगाने और उन्हें पुनर्स्थापित करने के लिए एक ‘रिनेमिंग कमीशन’ गठित किया जाए।

 

जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की पीठ ने उपाध्याय की ओर से दायर जनहित याचिका के मकसद पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह उन मुद्दों को जीवंत करेगा, जो देश का माहौल खराब कर देंगे। जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा कि हिंदू धर्म एक धर्म नहीं है बल्कि जीवन का एक तरीका है। हिंदू धर्म में कोई कट्टरता नहीं है। कोर्ट ने कहा कि अतीत को मत खोदो, ये सिर्फ वैमनस्य पैदा करेगा।

 

इस महीने की शुरुआत में दायर की थी PIL

उपाध्याय ने इस महीने की शुरुआत में जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें विदेशी आक्रमणकारियों की ओर से नाम बदलने वाले प्राचीन ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थानों के मूल नामों को बहाल करने के लिए केंद्र को एक ‘नामकरण आयोग’ गठित करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

 

जनहित याचिका में कहा गया है कि हाल ही में मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान कर दिया गया था, लेकिन सरकार ने आक्रमणकारियों के नाम पर सड़कों का नाम बदलने के लिए कुछ नहीं किया और कहा कि इन नामों को जारी रखना संविधान के तहत गारंटीकृत संप्रभुता और अन्य नागरिक अधिकारों के खिलाफ है।

 

जनहित याचिका में कहा गया है, ‘हम आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं लेकिन क्रूर विदेशी आक्रमणकारियों, उनके नौकरों और परिवार के सदस्यों के नाम पर कई प्राचीन ऐतिहासिक सांस्कृतिक धार्मिक स्थल हैं।’

 

 

Rate this item
(0 votes)

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.

RO no 13028/15
RO no 13028/15 "
RO no 13028/15 "
RO no 13028/15 "

MP info RSS Feed