श्रद्धांजलि : नहीं रहें बस्तर लोक साहित्यकार हरिहर वैष्णव Featured

रायपुर: बस्तर के साहित्यकार हरिहर वैष्णव के निधन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह साहित्य जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। बता दें कि साहित्यकार हरिहर वैष्णव बस्तर के लोक साहित्य की समृद्ध विरासत को सहेजने का काम करते थे। वैष्णव बस्तर के लोक साहित्यकार थे, उन्होंने जनजातियों में प्रचलित कहानियों, गीतों को लिपिबद्ध किया। हिंदी के साथ ही बस्तर की स्थानीय बोलियों, हल्बी, भतरी में भी उन्होंने साहित्य का सृजन किया साथ ही लक्षमी जगार, तीजा जगार, आठे जगार, बाली जगार जैसे महाकाव्य को तो उन्होंने सहेजा ही, इनके कलाकारों को भी बचाये रखा

सीएम बघेल ने कहा - "यह साहित्य जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने बस्तर के लोक साहित्य की समृद्ध विरासत को सहेजने में अपना जीवन समर्पित कर दिया।" मुख्यमंत्री ने ईश्वर से उनकी आत्मा की शान्ति और परिजनों को दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।

 

 

 

 

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Last modified on Thursday, 23 September 2021 11:48

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