जानिए छत्तीसगढ़ के ग्रामीण छात्रों की प्रतिभाओं कैसे मिल रहा निखार, बच्चे हो रहे तेजी से होशियार Featured

छत्तीसगढ़ के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र के कई बच्चों का अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ना सपना ही रह जाता है। कई बच्चे प्रतिभावान होते हुए भी गरीबी के कारण गुणवत्तापूर्ण प्रतियोगी माहौल और शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। ऐसे सभी बच्चों के सपनों को स्वामी आत्मानंद अंग्र्रेजी माध्यम स्कूलों के माध्यम से पूरा करने का प्रयास राज्य सरकार कर रही है। प्रदेश के कई जिलों की तरह उत्तर बस्तर कांकेर जिले के जिला मुख्यालय सहित अंतागढ, भानुप्रतापपुर,  दुर्गूकोंदल, हरनगढ़ और नरहरपुर वनांचल क्षेत्र में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय प्रारंभ किया गया है। इनमें कक्षा पहली से लेकर बारहवीं तक 3 हजार 436 छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

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विद्यालय में संचालित सभी कक्षाएं, लेबोरेटरी एवं कम्प्युटर लैब वाई-फाई युक्त हैं। सम्पूर्ण शिक्षा आनलाईन व आफलाईन दोनो माध्यम से संचालित की जाती हैं। अंग्रेजी माध्यम में दक्ष 31 शिक्षकों का इन स्कूलों में संलग्नीकरण किया गया है। इसके साथ ही 10 शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर नियुक्त किया गया है। अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों की पर्याप्त व्यवस्था के लिए संविदा शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। इन स्कूलों में कक्षा 01 से 08 तक के बच्चों को 2 सेट गणवेश, टाई-बेल्ट, जूता-मोजा, स्कूल बैग इत्यादि उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके साथ ही अधोसंरचना विकास के काम तेजी से किये जा रहे हैं।

कांकेर के ऐतिहासिक शासकीय नरहरदेव उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के रूप में सुविधा संपन्न बनाकर 2020-21 में शैक्षिणिक सत्र शुरू किया गया है। यहां प्रारंभिक सत्र में ही 616 से अधिक बच्चों ने प्रवेश लिया, जिनकी संख्या  वर्ष  2021-22 में बढकर 831 हो गयी है। इस विद्यालय में प्रथम पाली में हिन्दी माध्यम तथा द्वितीय पाली में अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा दी जा रही है। यहां  57 प्रशिक्षित शिक्षकों व गैर शैक्षणिक कर्मचारियों की व्यवस्था है। सभी अध्यापन कक्षों को डिजीटल क्लासरूम के रूप में विकसित करते हुए ज्ञानवर्धक चित्रों से सुसज्जित और आकर्षक बनाया गया है। यहां 15 कक्षाओं में डिजिटल कक्षाएं संचालित की जा रही  हैं, जिसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है। विज्ञान की जिज्ञासाओं को दूर करने हेतु रसायन एवं जीव विज्ञान लैब में आधुनिक  सुविधाऐं उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही भौतिकी लैब को भी नया रूप दिया जा रहा है। यहां 10 कम्प्यूटर व्यवस्थित कर ई-लायब्रेरी बनायी गयी है।  डिजिटल शिक्षा को बढावा देने के लिए कम्प्यूटर लैब की भी व्यवस्था विद्यालय में है। लैब में 20 कम्प्यूटर व डिजिटल स्मार्ट क्लास के माध्यम से बच्चों को नियमित रूप से विषेशज्ञ शिक्षकों द्वारा कम्प्युटर शिक्षा दी जा रही है। यहां प्राचार्य कक्ष में लगे सेन्टल माईक सिस्टम और सीसी टीव्ही के माध्यम से कक्षाओं की नियमित मानिटरिंग की जाती है। बच्चों को अंग्रेजी में पारंगत बनाने के लिए यहां इंग्लिश लैब के माध्यम से नियमित अंग्रेजी भाषा सिखायी जा रही है।

 

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पढ़ाई के साथ स्कूल में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के तहत बच्चों को व्यस्थित एवं गुणवत्ता परक भोजन दिया जा रहा है। इसके लिए अलग से बैठक व्यवस्था, मैस रूम और वाशरूम की व्यवस्था की गई है। जिला खनिज न्यास मद से विद्यालय में बालिकाओं एवं महिला स्टाफ हेतु गर्ल्स कामन रूम की व्यवस्था की गई है। यहां उनकी आवश्कताओं को ध्यान में रखते हुए सेनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन, वाटर कुलर और प्युरीफायर की व्यवस्था भी की गई है। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए परिसर में सीसी टीव्ही के साथ  अग्निसुरक्षा यंत्र की व्यवस्था है। कोविड संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सैनेटाईजर मशीन व थर्मल स्कैनर की भी व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार के प्रयास से दूरस्थ क्षेत्रों के गरीब बच्चों को शहरी क्षेत्रों के अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के समान निःशुल्क सुविधा-संपन्न और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही हैे, जिससे प्रतिभाओं को फलने-फूलने का सभी अवसर मिलने लगा है। उम्मीद है भविष्य में इन केंद्रों से शिक्षा के कई नये आयाम देखने को मिलेंगे।

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