शहर के ढाबों, कारखानों समेत अन्य स्थानों पर काम करने वाले मासूम बच्चों को भी अब कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़ने का मिलेगा मौका Featured

बोलता गांव डेस्क।।images 10

वाले मासूम बच्चों को भी अब कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़ने का मौका मिलेगा. जी हां, बाल श्रम पर रोक लगाने के लिए श्रम विभाग सराहनीय कदम उठाते हुए शहर में ब्राजील देश की तर्ज पर एक मॉडल को लागू करने जा रहा है. जिसके तहत ऐसे बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए श्रम विभाग उनके परिजनों से बात कर के स्कूलों में एडमिशन दिलाएगा. साथ ही बच्चों की किताबों से लेकर सभी सुविधाएं भी मुहैया करवाएगा.

 

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है जो यह योजना लागू कर रहा है. राज्य समन्वयक, बाल और बंधुआ श्रम रिजवान अली ने न्यूज 18 लोकल से विशेष बातचीत में कहा कि प्रदेश सरकार लगातार बाल श्रम को रोकने के प्रयास कर रही है. खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल से ही बाल श्रमिक विद्या योजना के तहत बच्चों को लाभान्वित करने का फैसला लिया था. इसके बाद विभाग द्वारा लगातार प्लान बनाया जा रहा था कि किस प्रकार से इस बाल श्रम को रोका जाए. जिसके लिए विभाग ने कई राज्यों में चल रहे कार्यक्रमों और कई देशों में चल रहे कार्यक्रमों का ब्यौरा जुटाया. इसके बाद ब्राजील प्लान को लागू करने का निर्णय लिया गया.

 

जाने क्या है ब्राजील प्लान

 ब्राजील में जिन घरों में बच्चे बाल श्रम करते थे, उनको वहां की सरकार स्कूल भेजती है और स्कूल भेजने के बाद में उनको पैसे दिए जाते हैं. ताकि उनका परिवार भी चल सके. इसी योजना को उत्तर प्रदेश में भी लागू किया जा रहा है. बच्चों को स्कूल भेजने के साथ ही उन्हें अन्य सुविधाएं भी दी जाएंगी. इस कार्यक्रम के तहत प्रदेश भर में 1000 से अधिक बच्चों को चयन किया जा चुका है. वहीं 2000 बच्चों की स्क्रीनिंग की जा रही है.

 

कॉन्वेंट स्कूलों में भी मिल सकेगा दाखिला

आपको बता दें कि बच्चों को पढ़ाई के लिए हर महीने हजार से 12 सौ रुपए उनके अकाउंट में भेजे जाएंगे. जिससे वो चाहें तो वे लोग कॉन्वेंट स्कूल में भी पढ़ाई कर सकते हैं. सरकारी विद्यालयों में उन्हें मुफ्त शिक्षा मिलेगी लेकिन अगर बच्चे कान्वेंट स्कूल में पढ़ना चाहे तो उनका एडमिशन उसमें भी कराया जाएगा.

 

जाने कैसे कर सकते हैं आवेदन

 

 इस योजना में आवेदन करने के लिए श्रम विभाग के पोर्टल बीएसबीवाई में जाकर आवेदन कर सकते हैं. कोई भी किसी भी बच्चे के लिए रेफर कर सकता है, जिसके बाद विभाग द्वारा उसकी स्क्रीनिंग की जाएगी और अगर वह उस क्राइटेरिया में सही पाया जाता है तो उसको इस योजना का लाभ मिल सकेगा.

 

 

 

 

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