रायपुर नगर निगम में महापौर के सरक्षण में बस स्टेंड की दुकान के ठेकों पर पक्षपात किया जा रहा है !
Raipur : रायपुर नगर निगम में लगातर बस स्टेंड की दुकान के लिए जारी किए गए टेंडर में महापौर एजाज ढेबर के क़रीबियों को पहली वरीयता दी जाने की खबर सामने आ रही है। दुकानों के साथ ही नगर निगम रायपुर में अनेकों विभाग में चल रहीं अनियमितता शहर में किसी से छुपी नहीं है।
घुसखोरी, भ्रष्टाचारी और एक ही जाति विशेष के टेंडर पास होना आदि रायपुर नगर निगम में आम हो चुका है, कहावत है - खरबूजे को को देखकर खरबूजा रंग बदलता है, इसी कहावत को चरितार्थ करते हुए रायपुर नगर निगम ने भी भ्रष्टाचार का रंग बदल लिया है।
रही बात इस खबर की तो रायपुर नगर निगम के एक-सिनीयर अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर हमें महापौर एजाज देबर के द्वारा नियम विरुध्द अनेकों गड़बडियो गिनाई जिसमें हाल ही का एक मामला टेंडर नं. 154969 का है
इस टेंडर में भाग लेने वालों में महापौर का करीबी निर्धारित समय में टेंडर नहीं भर पाया तो उक्त टेंडर को निरस्त कर रिटेंडर नं. 156287 निकाला गया!
इस टेंडर में कुल 9 दुकानें है जिसमें से 6 दुकानें महापौर के करीबियों के नाम से जारी की गई और अन्य के नाम निकली है, फिर भी अन्य दुकानों को अपने करीबियों को दिलवाने के लिए निगम के अधिकारीयों पर दबाव बनाया जा रहा है!
इसका अर्थ यह है की महापौर शत प्रतिशत रायपुर बस स्टेंड की दुकान में अपने ही करीबियों का आधिपत्य चाहते हैं?
सुत्रो के मुताबिक कि रायपुर नगर निगम में 2 बार टेंडर निकालने के बाद, फिर किसी के दबाव में आकर दोबारा टेंडर करने की प्रक्रिया चल रही है रायपुर नगर निगम के द्वार 1 टेंडर (प्रथम कॉल टेंडर नंबर 154969) जो 14 जून 2024 को निकाला गया था।
दोबारा टेंडर नंबर 156287 दूसरी कॉल 18 जुलाई को निकाला गया था।
अब राजनेताओं के दबाव में आकर ओपन टेंडर को फिर से रिटेंडर करने की प्रक्रिया चल रही हैं .
कुछ दिन पहले रायपुर नगर निगम में 40 लाख का टेंडर घोटाला IAS-IPS अधिकारियो की कॉलोनी में बिना टेंडर के काम करने का आरोप लगाया है जिस से साबित होता हैं कि रायपुर नगर निगम में टेंडर वितरण प्रणाली में भारी अनियमिता सामने आ रही है।