रायपुर. टूलकिट मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद तेजी से घटनाक्रम बदल रहे हैं. सोमवार सुबह को रमन सिंह जहां इस मामले में गिरफ्तारी देने के लिए सिविल लाइन थाने पहुंच गए, वहीं दोपहर बाद पुलिस ने पूर्व सीएम के आवास पर पहुंच कर उनसे इस मामले में पूछताछ की है. बता दें कि रमन सिंह को थाने में नहीं घुसने दिया गया था. इस पर रमन सिंह पार्टी के कुछ अन्य नेताओं के साथ पुलिस स्टेशन के बाहर धरने पर बैठ गए थे.
ट्वीटर ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को 'मैनिपुलेटेड मीडिया' का टैग दिया है
https://twitter.com/drramansingh/status/1394611834561318919?s=20
मैनिपुलेटेड मीडिया क्या होता है
- इसका सीधा सा मतलब होता है कि ट्वीट में जो भी जानकारी दी गई है, वह सच नहीं है. उसकी सत्यता संदिग्ध है.
- ट्विटर सबसे पहले ट्वीट में दी गई जानकारी की सत्यता को परखता है. वह इसकी जांच करता है कि दी गई जानकारी कहीं सिंथेटिक तो नहीं है. यानी तोड़-मरोड़कर पेश तो नहीं की गई है.
- ट्विटर किसी भी जानकारी को हटाने से पहले ट्वीट के तथ्यों (कंटेंट) को विविध कोणों से परखता है. यदि उसे लगता है कि इससे किसी व्यक्ति या समूह को खतरा है या फिर इससे तनाव या दंगा फैल सकता है, तो उसे मैनिपुलेटेड करार दे दिया जाता है.
मामला क्या है?
भाजपा के इस आरोप के बाद कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुनील अहिरे का कहना है कि ट्विटर पर बीजेपी नकली टूलकिट का प्रचार कर रही है और इसका श्रेय AICC अनुसंधान विभाग को दे रही है। ऐसे में पार्टी ने जेपी नड्डा और संबित पात्रा,छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज करवाया है। कांग्रेस के इस FIR के बाद टूलकिट एक बार फिर से चर्चा में है।
क्या है टूलकिट
दरअसल, टूलकिट को अगर हम आसान भाषा में समझें तो ये एक प्रकार का गूगल डॉक्यूमेंट (Google document) होता है। जिसमें विस्तार से किसी खास मुद्दे के बारे में बताया जाता है। ताकी लोग उसे पढ़कर आसानी से समझ सकें कि आखिर देश या समाज में जो ज्वलंत मुद्दा चल रहा है वह क्यों चल रहा है। साथ ही साथ इसमें ये भी बताया जाता है कि अगर कोई समस्या है तो इसके समाधान के लिए हम क्या-क्या कर सकते हैं।
गौरतलब है कि कोरोना टूलकिट मामले में पूर्व सीएम रमन सिंह और बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ रायपुर में एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके बाद पुलिस ने दोनों नेताओं को नोटिस भेजा था. इस बाबत रमन सिंह ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के कहने पर छत्तीसगढ़ में भाजपा नेताओं पर एफआईआर की गई. ये एफआईआर सिविल लाइन थाने से नहीं, बल्कि कांग्रेस कार्यालय से हुई है