बोलता गांव डेस्क।। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेली जा रही 3 मैचों की टेस्ट सीरीज का आखिरी मैच केपटाउन के मैदान पर खेला गया जहां पर डीन एल्गर की कप्तानी वाली युवा साउथ अफ्रीका की टीम ने भारत को 7 विकेट से हराकर एक बार फिर से सीरीज पर कब्जा जमा लिया है।
भारतीय टीम ने सेंचुरियन के मैदान पर जीत के साथ सीरीज का आगाज किया था लेकिन इसके बाद वो जोहान्सबर्ग और केपटाउन में जीत हासिल करने में नाकाम रही और एक बार फिर से सीरीज हार गई। भारत के लिये यह दूसरा मौका है जब उसने साउथ अफ्रीका दौरे पर बढ़त बनाने के बाद सीरीज को गंवाया है। मजेदार बात यह रही है कि इन दोनों ही मौकों पर राहुल द्रविड़ भारतीय टीम के साथ थे।
सीरीज में 2 से ज्यादा शतक लगाने के बावजूद हारने वाली टीम बनी भारत
टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में अक्सर देखा गया है कि अगर किसी टीम के बल्लेबाज सीरीज के दौरान शतक लगाते हैं तो अक्सर उनकी टीम उस श्रृंखला में विजेता बनती है। हालांकि कुछ ऐसे भी मौके रहे हैं जब सीरीज में एक भी शतक न लगाने वाली टीम ने सीरीज को अपने नाम किया है। इस सीरीज में भी कुछ ऐसा हुआ है। भारतीय टीम के लिये इस सीरीज में केएल राहुल और ऋषभ पंत के बल्ले से दो शतक आये जबकि साउथ अफ्रीका के किसी भी बल्लेबाज ने कोई शतक नहीं लगाया, इसके बावजूद साउथ अफ्रीका की टीम ने सीरीज अपने नाम कर ली। उल्लेखनीय है कि टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसा चौथी बार ही देखने को मिला है।
इससे पहले भारत ने 1971 में इंग्लैंड के खिलाफ खेली गई सीरीज में 1-0 से जीत हासिल की थी जहां पर इंग्लिश बल्लेबाजों ने दो शतक लगाया था जबकि भारत का खाता जीरो पर ही रहा था। 1971 के बाद यह कारनामा 2009 में दूसरी बार देखने को मिला जब वेस्टइंडीज के खिलाफ सीरीज में ऑस्ट्रेलिया की टीम ने 2-0 से जीत हासिल की थी। इस सीरीज में कैरिबियाई टीम के खिलाड़ियों ने 4 शतक लगाये थे। आखिरी बार यह कारनामा 2017 में श्रीलंका और जिम्बाब्वे के बीच खेली गई सीरीज में देखने को मिला था जिसमें श्रीलंका की टीम ने 1-0 से जीत हासिल की थी और जिम्बाब्वे के खिलाड़ियों ने 2 शतक लगाये थे।