बोलता गांव डेस्क।।
पब्लिक स्वर,अभनपुर/रायपुर।रायपुर जिले के अभनपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत डोंगीतराई में बिना निर्माण कार्य करवाए पूर्व सरपंच चित्तल साहू और तत्कालीन सचिव सतीश वर्मा ने लाखों रुपए गबन कर लिए जिसके बाद आज तक उन पर दंडात्मक कार्यवाही नहीं की गई है।डोंगी तराई ग्राम पंचायत में 2016 से लेकर 2019 तक तत्कालीन सरपंच चित्तलाल साहू व सचिव सतीश वर्मा ने बिना प्रस्ताव, सत्यापन व मूल्यांकन के करीब 25 निर्माण कार्यों में फर्जी बिल लगाकर लाखों रुपए डकार गए।
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल ग्रामीणों ने जनपद पंचायत में जनवरी 2023 को पूर्व सरपंच व सचिव के भ्रष्टाचार के कारनामों की लंबी फेहरिस्त की शिकायत जनपद पंचायत अभनपुर और जिला पंचायत रायपुर में की।
पूर्व सरपंच और सचिव ने मिलीभगत कर सरकार को लगाया लाखो का लगाया चूना
पूर्व सरपंच चित्तलाल साहू व सचिव सतीश वर्मा ने 2016 से 2019 तक बिना प्रस्ताव,बिना प्राकलन के सीसी रोड़,नाली निर्माण,मरम्मत कार्य के नाम पर फर्जी बिल वाउचर लगा कर लाखों रुपए ग्राम पंचायत के फंड से निकाल लिए। दोनों ने भ्रष्टाचार का ऐसा पैमाना अपनाया जिसमें बिना निर्माण करवाए दोनों ने एक बिल को दो तीन कार्यों में लगाकर रोकड बही में भी कांट छांट कर कई लाखों रुपए निकाल लिए यहां तक कि नाली निर्माण के लिए जीवन घर से भानसिंह तक और फिर भानसिंह घर से जीवन इसी तरह बार बार एक नाली पर दूसरी नाली बनाकर कई बार लाखों रुपए आहरण किया।
होलसेल में किया भ्रष्टाचार,तो होलसेल में कार्यवाही के आदेश भी पर अब नवीन सीईओ के पदस्थापना के बाद दब गई फाइलें
यहां तक कि नाली निर्माण,फर्जी कांक्रीटीकरण मामले में जिला पंचायत और जनपद पंचायत की जांच हुई और जांच प्रतिवेदन में दोनो पूर्व सरपंच चित्तलाल साहू और सतीश वर्मा पर गबन के गंभीर आरोप साबित भी हुए।जिसमें जिला पंचायत के तत्कालीन सीईओ आकाश छिकारा ने तत्कालीन एसडीएम जगन्नाथ वर्मा को दोनो से 2 लाख 37 हज़ार रुपए की रिकवरी कर अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश भी दिए लेकिन तत्कालीन एसडीएम और नवीन पदस्थापना में आए जनपद सीईओ राजेंद्र पांडे की मिलीभगत से आजतक सचिव पर कोई आंच तक नहीं आई।
जबकि ग्राम डोंगीतराई के महिला घा,पुरुष घाट,शीतला मंदिर में पुरुष घाट में रॉड और सीमेंट के फर्जी बिल और रोकड़ बही में कांट छांट कर गबन करने के बाद तत्कालीन जनपद सीईओ ने अनुविभागीय दंडाधिकारी को कार्यवाही की अनुशंसा की लेकिन कार्यवाही शून्य रही।
गौरतलब है कि जांच अधिकारी ने तत्कालीन सचिव पर गंभीर टिप्पणियां करते हुए लिखा कि रोकड़ पंजी में सचिव ने स्वच्छता अभियान मद से नाली निर्माण का आहरण किया गया जिसका उल्लेख प्रस्ताव में तक नहीं किया गया।फिर भी सचिव द्वारा कार्यों के संबंध में सही ढंग से प्रस्ताव,बिल वाउचर का इंद्राज न कर गुमराह किया गया है। जिसके बावजूद सचिव पर दंडात्मक कार्यवाही नही हुई जिससे साफ है कि सचिव सतीश वर्मा पर किसी अधिकारी का आशीर्वाद प्राप्त है।
विश्वदीप,CEO, जिला पंचायत रायपुर
आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है जल्द कार्यवाही होगी।