Tribal Conference – राष्ट्रपति मुर्मू को बैगा जनजाति के मुखिया ने दी बिरनमाला और ट्राइबल बुक Featured

बोलता गांव डेस्क।।

रायपुर। राष्ट्रपति भवन में जनजातीय कार्य मंत्रालय ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समुदाय के लिए गुरुवार को सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मलेन में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में निवासरत पांच विशेष पिछड़ी जनजातियां ( बैगा, पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, कमार और अबूझमाड़िया ) के 80 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। राष्ट्रपति मुर्मू ने इस मौके पर छत्तीसगढ़ के सभी जनजाति समुदाय के लोगों से बातचीत कर उनकी संस्कृति, रीति-रिवाजों की जानकारी भी ली।

 

राष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष का बैगाओं ने किया स्वागत

छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति के मुखिया ईतवारी बैगा मछिया ने राष्ट्रपति को एक पुस्तक भेंट की। जिसमे आदिम जाति के इतिहास और संस्कृति के बारे में लेख है। आदिम जाति और अनुसूचित जाति विकास विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रकाशित है। छत्तीसगढ़ से गए सभी जनजातियों के समूह ने राष्ट्रपति मुर्मू का बैगा जनजातियों के विशेष श्रृंगार बिरनमाला से स्वागत किया। छत्तीसगढ़ के सभी जनजातीय समूह ने संसद भवन का भ्रमण भी किया और वहां लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला से मुलाकात भी की। साथ ही लोकसभा अध्यक्ष को अपनी संस्कृति और रीति-रिवाजों के बारे में जानकारी दी। कबीरधाम जिले के प्रतिनिधिमंडल में ईतवारी राम मछिया प्रदेश अध्यक्ष आदिम जाति बैगा समाज, पुसूराम बैगा अध्यक्ष बैगा विकास अभिकरण, सेमलाल बैगा, सोनालाल बैगा सदस्य बैगा विकास अभिकरण, जगोतीन बाई बैगा और बैसाखीन बाई बैगा शामिल हुईं।

 

 

छत्तीसगढ़ के इन क्षेत्रों में निवासरत है ये विशेष पिछड़ी जनजातियां

बताते चले छत्तीसगढ़ में जनजातीय समुदाय की बसाहट कई जिलों में है। छत्तीसगढ़ के 17 जिलों में केन्द्र सरकार द्वारा मान्य विशेष पिछड़ी पांच जनजातीय समुदाय रहती हैं। इन पांच विशेष पिछड़ी जनजातिया में बैगा, पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, कमार और अबूझमाड़िया शामिल हैं। विशेष रूप से पिछड़ी जनजाति बैगा कबीरधाम, मनेद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, राजनांदगांव और मुंगेली जिले में निवासरत हैं। इसी प्रकार पहाड़ी कोरवा सरगुजा, जशपुर, बलरामपुर और कोरबा जिले में निवास करती हैं। बिरहोर जनजाति जिला कोरबा, रायगढ़, बिलासपुर, जशपुर में रहती हैं। कमार जनजाति जिला गरियाबंद, धमतरी, कांकेर और महासमुंद में रहती हैं। और विशेष पिछड़ी जनजाति अबूझमाड़िया जिला नारायणपुर में निवास करती हैं

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