रेल रोको आंदोलन: कहां-कहां बैठे हैं किसान, जानिए क्यों कर रहे हैं आंदोलन ? Featured

बोलता गांव डेस्क।। पंजाब विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र सभी सियासी पार्टियां चुनावी तैयारियों में जुटी हुई हैं। वहीं विधानसभा चुनाव से पहले संयुक्त किसान मोर्चा के नेता पंजाब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर रेल रोको आंदोलन की शुरुआत कर दी है, जिससे पंजाब सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। किसान मजदूर संगठन समिति के रेल रोको आंदोलन से पंजाब भर में रेलगाड़ियों के आवागमन 20 दिसंबर से बुरी तरह से प्रभावित है। रेल रोको आंदोलन की वजह से रविवार को फिर से 113 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा। दिसंबर महीने में कुल 63 मेल (एक्सप्रेस ट्रेनें) और 50 पैसेंजर ट्रेनें शामिल थीं। इसके अलावा 35 ट्रेनों को गंतव्य से पहले रोक देना पड़ा। साथ ही 32 ट्रेनों को गंतव्य से पहले रवाना कर दिया गया।

180 ट्रेनों का संचालन प्रभावित
20 दिसंबर से किसान मज़दूर संगठन के रेल रोको आंदोलन की वजह से पंजाब भर में क़रीब 180 ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ। किसान मजदूर संघर्ष समिति की तरफ से पंजाब में विभिन्न रेल मार्ग पर 20 दिसंबर से धरना प्रदर्शन चालु है। इन रूटों में जालंधर-पठानकोट रेल खंड का टांडा उड़मड़, अमृतसर रेल खंड का जंडियाला-मानावाला रूट, अमृतसर खेमकरण रेलखंड पर तरनतारन, फिरोजपुर, बठिंडा रेल खंड पर फिरोजपुर यार्ड में, फिरोजपुर लुधियाना रेल खंड के मोगा में, जालंधर छावनी रेलवे स्टेशन और फाजिल्का कोटकपूरा रेलखंड में ट्रैक के ऊपर किसान मज़दूर संगठनों के सदस्यों ने धरना दिया हुआ है।

ट्रैक पर कर रहे धरना प्रदर्शन
रेलवे की तरफ से जो जाकारी दी गई है उसके मुताबिक 800 किसान जंडियाला-मानावाला के बीच रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन कर रहे हैं। 400 किसान टांडा उड़मड़ में, 250 किसान फाज़िल्का में, 60 किसान जालंधर छावनी में, 60 किसान मोगा में, 50 किसान तरनतारन में, 50 किसान फिरोज़पुर में धरने पर बैठे हुए हैं। आपको बता दें कि 22 दिसंबर को मोगा और फाजिल्का में धरना शुरू किया गया।

अपनी मांगों को लेकर कर रहे प्रदर्शन
पंजाब से बाहरी राज्यों की तरफ जाने वाली ट्रेनों को अमृतसर, जालंधर, फिरोजपुर, जम्मू, पठानकोट की बजाए लुधियाना, अंबाला, दिल्ली आदि से ही रवाना किया जा रहा है। गंतव्य स्थल से ट्रेनों को रवाना नहीं करने की वजह से यात्रियों को काफ़ी परेशानी हो रही है। क्योंकि सफर करने के लिए जिन पंजाब के जिन यात्रियों ने पहले ही टिकट की बुकिंग कर ली थी उन्हें अब यह पता नहीं चल पा रहा है कि संबंधित ट्रेन के स्टेशन से रवाना हो रही है। संयुक्त किसान मोर्चा पंजाब के किसान नेताओं की मांग है कि 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान किसानों से किए गए क़र्ज़ माफ़ी के वादे को कांग्रेस सरकार पूरा करे। किसान मजदूर संघर्ष समिति पंजाब के नेताओं का कहना है कि पंजाब में बेरोजगारी, नशे और अन्य बहुत से मसले हल करवाना अभी बाकी हैं इन्हें संघर्श कर ही हल करवाया जा सकता है।



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