बोलता गांव डेस्क।। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को शहरों में बढ़ते अतिक्रमण पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सभी प्रमुख शहर झुग्गी बस्तियों में बदल गए हैं। गुजरात में 5000 झोपड़ियों को जारी रखने की अनुमति देने से इनकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारतीय रेलवे को अपनी जमीन पर आए अतिक्रमणों की जिम्मेदारी लेनी होगी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी। तीन जजों की बेंच ने झुग्गी-झोपड़ियों को गिराने से रोकने की अपील को ठुकराते हुए कहा, 'सभी बड़े शहर झुग्गी-झोपड़ियों में बदल गए हैं... यह 75 साल से चल रही दुखद कहानी है।'
जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस सीटी रविकुमार के साथ बेंच में शामिल जस्टिस एएम खानविलकर ने कहा, 'किसी भी शहर को देखें ले, भले ही वह चंडीगढ़ ही क्यों न हो, लेकिन वहां भी समस्याएं हैं। यह हर जगह हो रहा है। आइए हम वास्तविकता की ओर बढ़ें और सोचें कि समस्या को कैसे हल किया जाए।' रेलवे को अनाधिकृत कब्जाधारियों के खिलाफ तुरंत आपराधिक कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देते हुए अदालत ने कहा, 'रेलवे को अपनी जिम्मेदारी से नहीं छोड़ा जा सकता है। यह सिर्फ राज्य सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। अतिक्रमण हटाने के लिए निगमों को जिम्मेदारी लेने का समय आ गया है। अदालत ने कहा कि वह की गई कार्रवाई की भी समीक्षा करेगी।
जस्टिस खानविलकर ने रेलवे का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज को बताया, रेलवे को उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई करने को कहा गया है जिन्होंने अतिक्रमण करने दिया। न्यायमूर्ति खानविलकर ने अतिरिक्त सॉलिसिटर से कहा, 'प्रदर्शन से हमें अवगत कराया जाएगा, न कि आपके किराएदारों द्वारा। आपकी जिम्मेदारी राज्य और निगम के साथ एक समान दायित्व है। जो मालिक संपत्ति की रक्षा करने में असमर्थ है, वह राज्य और निगम के साथ उत्तरदायी होना चाहिए।