रायपुर. छत्तीसगढ़ के किसान कम बारिश से बहुत ही चिंतित है. प्रदेश के 46 डेम और जलाशयों में से महज 4 ऐसे हैं, जिसमें 100 फीसदी पानी है. अगर आने वाले दिनों में बारिश नहीं हुई, तो छत्तीसगढ़ में जल संकट गहरा सकता है. बता दें कि बस्तर संभाग के सुकमा जिले को छोड़कर अधिकांश जिलों में इस बार कम बारिश हुई है. सुकमा प्रदेश का एकमात्र ऐसा जिला है जहां बीते वर्ष की तुलना में इस बार 44 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है.इसके अलावा छत्तीसगढ़ के 14 जिलों में औसत बारिश हुई है. जबकि 12 जिलों में खंड बारिश की स्थिति बनी हुई है. बीते वर्ष अगस्त माह में 890.6 एमएम पानी गिरा था, लेकिन इस बार बारिश सिर्फ 760.9 एमएम हुई है. इस बार पूरे प्रदेश में 15 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है.
क्या है डेम और जलाशयों की स्थिति
प्रदेश में पूरी तरह खंड बारिश की स्थित है 760.9 एमएम. अब तक 15 प्रतिशत कम बारिश हुई है.
46 डेम और जलाशयों में से 4 में ही 100 फीसदी पानी भरा है.
23 जलाशयों में 50 फीसदी से कम पानी है.
11 जलाशयों में 50 से 70 फीसदी तक पानी भराव है.
5 डेम ऐसे जिसमें 20 प्रतिशत से भी कम पानी का भराव हुआ है.
कम पानी वाले जलाशय
बालौद के तान्दूल में 15.83 प्रतिशत जल भराव हुआ है.
कांकेर के पारलीकोट में 8.89 प्रतिशत भराव हुआ है.
राजनांदगांव के मटिया मोती में 10.80 प्रतिशत जल भराव है.
महासमुंद के केशवा में 18.60 प्रतिशत जल भराव है.
कांकेर के मयाना में 10.18 प्रतिशत जल भराव हुआ है.
100 प्रतिशत जल भराव वाले डेम
कोरिया के झुमका और गज 100 प्रतिशत जल भराव.
बिलासपुर के खारंग 100 प्रतिशत जल भराव.
मुंगेली के मनियारी में 100 प्रतिशत पानी भरा है.
मौसम वैज्ञानिक एस के अवस्थी का कहना है कि ऐसा कोई सिस्टम अभी नहीं बन रहा है कि पूरे प्रदेश में एक साथ अच्छी बारिश हो. इसके साथ उन्होंने कहा कि बस्तर में आने वाले दो दिनों में बारिश होगी, लेकिन प्रदेश के अन्य जिलो में हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है.
बस्तर संभाग में गहराया जल संकट
छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक स्थिति बस्तर संभाग में खराब है. सुकमा जिले को छोड़कर अन्य जिलों में बारिश न के बराबर हुई है. प्रदेश के 12 जिलों में कम बारिश अब तक दर्ज की गई है. इस वजह से न तो खेतों की प्यास बुझ सकी है और न ही डेम व जलाशयों के कंठ गीले हुए हैं.
जल समस्या से निपटने के लिए सरकार बना रही बड़ी योजना
राज्य सरकार को भी खंड बारिश की चिंता सता रही है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे को सुचारू सिंचाई व्यवस्था के लिए आदेशित किया है. कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने जानकारी देते हुए बताया है कि नदियों को जोड़ने की योजना पर कार्य किया जा रहा है. हर वर्ष इस तरह की स्थिति रही तो इसके निपटा जा सकता है. नदियों को इंटरलिंक करने की योजना तैयार की जार रही है. गंगा बेसिन के पानी को महानदी में, गोदावरी बेसिन के पानी और महानदी बेसिन के पानी को इंटरलिंक किया जाएगा.