बोलता गांव डेस्क।।
कहते हैं जहां कुछ कर गुजरने का जज़्बा होता है वहां मुश्किलें भी घुटने टेक देती हैं। ऐसी ही कहानी है विकासखण्ड मनेन्द्रगढ़ के ग्राम पसौरी की राधना दीदी की। पसौरी की रहने वाली राधना को घरेलू काम-काज से फुर्सत नही मिलती थी, 10 सदस्यीय परिवार में अतिरिक्त आमदनी की बहुत आवश्यकता थी।
राधना बतातीं हैं कि पिछले कुछ समय से अपना खुद का कुछ काम शुरू करने की इच्छा थी, लेकिन आर्थिक स्थिति उतनी मजबूत नहीं होने के कारण काम शुरू करने के लिए पूंजी की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी। जैसे ही राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान के तहत आजीविका शुरू करने की जानकारी मिली, ग्राम के एकता महिला स्व सहायता समूह से जुड़कर मंजिल की ओर अपना कदम बढ़ाया।
वे आगे बताती हैं कि इस समूह में 10 महिला सदस्य हैं बिहान के अंतर्गत पीआरपी दीदियों के द्वारा हमें आजीविका गतिविधियों हेतु मार्गदर्शन दिया गया, जिससे सभी अपने-अपने सुविधा अनुसार गतिविधि का चयन कर आज सफलतापूर्वक संचालन कर रहीं हैं। मैंने जनरल स्टोर शुरू करने की इच्छा जाहिर की, तो मुझे ग्राम संगठन के द्वारा सीआईएफ की राशि 60 हजार रुपए प्राप्त हुए।
इन पैसों से मैंने पिछले साल घर पर ही जनरल स्टोर शुरू किया जिससे मुझे प्रतिमाह 4 से 5 हजार रुपए तक का लाभ मिल रहा था। बिहान से मिली मदद से एक आधार बन गया तो दुकान को बड़ा करने का सोचा। अब 10 हज़ार तक का अच्छा फायदा हो रहा है। वे कहती हैं कि घर पर ही दुकान होने से दुकान संचालन के साथ घर-परिवार की देखभाल भी हो जाती है।
उन्होंने बताया कि दुकान के लिए सामान वगैरह मनेन्द्रगढ़ में आसानी से मिल जाता है, इस त्यौहारी सीजन में अच्छी बिक्री हुई, जिससे मनोबल और बढ़ा है। अच्छी आमदनी से मैं और पूरा परिवार बहुत खुश हैं, अब परिवार की अतिरिक्त आवश्यकताएं, बच्चों की पढ़ाई के खर्च की चिंता से राहत भी मिली है।