बोलता गांव डेस्क।।
नई दिल्ली/बेंगलुरु: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ऑनलाइन भुगतान कंपनियों के ठिकाने पर छापेमार कार्रवाई की है. चीनी द्वारा नियंत्रित स्मार्टफोन आधारित ‘गैरकानूनी’ त्वरित ऋण आवंटन के खिलाफ चल रही जांच के संबंध में ऑनलाइन भुगतान प्लेटफॉर्म RazorPay, Paytm और Cashfree के बेंगलुरु परिसर में तलाशी ले रहा है.
जांच एजेंसी ने कहा कि कर्नाटक की राजधानी में स्थित इन कंपनियों के छह परिसरों में शुक्रवार को तलाशी अभियान अभी भी जारी है. ईडी ने एक बयान में कहा, “रेजरपे प्राइवेट लिमिटेड, कैशफ्री पेमेंट्स, पेटीएम पेमेंट सर्विसेज लिमिटेड (Razorpay Pvt Ltd, Cashfree Payments, Paytm Payment Services Ltd) और चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित या संचालित अन्य कंपनियों में तलाशी कार्रवाई की गई.”
प्रवर्तन निदेशालय ने बताया कि छापेमारी में चीनी व्यक्तियों के नियंत्रण वाली इन कंपनियों के ‘मर्चेंट आईडी और बैंक खातों’ में जमा 17 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं. एजेंसी ने आरोप लगाया कि ये कंपनियां भारतीय नागरिकों के फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल फर्जी तरीके से निदेशक बनाने के लिए कर रही हैं, जबकि इन कंपनियों का नियंत्रण और संचालन चीनी लोगों द्वारा किया जाता है.
उन्होंने कहा कि जांच के दायरे में ये कंपनियां मर्चेंट आईटी या पेमेंट सर्विस कंपनियों और बैंकों से जुड़े खातों का इस्तेमाल कर अपराध से पैसा जुटा रही थीं और इन कंपनियों द्वारा दिए गए पते भी फर्जी थे.
दरअसल, चीनी ऐप लोन कंपनियां लोगों को कर्ज के जाल में फंसाकर भारी ब्याज वसूल रही हैं. बिना सहमति के भी लोगों को खाते में पैसे भेजकर ब्याज सहित वापस करने की धमकी दी जा रही है.
कई मामलों में लिए गए कर्ज की रकम का कई गुना चुकाने के बाद भी पैसे देने का दबाव बनाया जा रहा था। पैसे न देने पर परिजनों को निजी जानकारी भेजकर मानहानि के मामले भी सामने आ चुके हैं.