एक नज़र छत्तीसगढ़ के आत्मनिर्भर महिलाओं पर: एक ही समय में एक से अधिक कार्य करके जशपुर की महिलाएं बन रहीं हैं आत्मनिर्भर Featured

बोलता गांव डेस्क।।IMG 20220806 195348

समूह की महिलाएं अब तक सी-मार्ट से 34 लाख रूपए का विक्रय कर चुकी हैं

सी-मार्ट से सामग्रियों की मांग रायपुर, भिलाई, दुर्ग, सुकमा, अंबिकापुर जिलों में भी बड़ी मात्रा में की जाती है

 

कलेक्टर श्री रितेश कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में जशपुर जिले में जिला प्रशासन के अंतर्गत संचालित सी-मार्ट के माध्यम से गौठान के स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा बनाए गए उत्पादों का विक्रय कराने के लिए सी-मार्ट एक उपयुक्त साधन है। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं आत्मनिर्भर बन गई है। अब तक समूह की महिलाओं ने 4 माह में लगभग 34 लाख रूपए की बिक्री कर चुके हैं। ग्रामीण महिलाएं गौठानों में संचालित ग्रामीण आजीविका गतिविधियों से आर्थिक रूप सशक्त होने का नया जरिया मिला है। समूह के माध्यम से एक ही समय में एक से अधिक कार्य करके आर्थिक मजबूती प्राप्त करने का जरिया जिला प्रशासन ने दिया है।

 

एनआरएलएम के डिस्ट्री मैनेजर श्री विजय शरण प्रसाद से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले में खुड़िया रानी फार्मर प्रोडयूसर कम्पनी के अध्यक्ष श्रीमती कमला विश्वकर्मा और जीवंती बाई के द्वारा बेहतर संचालन किया जा रहा है। कम्पनी में लगभग 100 स्व सहायता समूह की महिलाएं मिल करके अपने बनाए हुए सामग्रियों का विक्रय के लिए सी-मार्ट भेज रही हैं। सी-मार्ट में स्थानीय लोगों में जीराफूल, जौवा फूल, फूल झाड़ू, अचार, सरसों का तेल, काजू, दाल आदि उत्पादों की मांग हमेशा बनी रहती है।

 

स्व सहायता समूह की महिलाओं ने जिला प्रशासन और कलेक्टर को धन्यवाद देते हुए कहा कि महिलाएं आज आर्थिक रूप से खुद आत्मनिर्भर बन कर अपने परिवार को भी सहयोग दे रही हैं साथ ही अन्य महिलाओं को भी अपनी सहभागिता निभाने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं।

 

जिला प्रशासन ने स्व सहायता समूह की महिलाओं को फूड प्रोसेसिंग यूनिट की भी सुविधा उपलब्ध कराई है। इससे महिलाओं को रोजगार मिला है और अपने हाथों से 100 ग्राम, 200 ग्राम, आधा किलोग्राम, 1 किलोग्राम के विभिन्न सामग्रियों का पैकिंग करके तैयार करती है।

 

विगत माह जून में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का जशपुर प्रवास के दौरान सी-मार्ट का अवलोकन किया गया और समूह की महिलाओं प्रोत्साहित करते हुए प्रशंसा जाहिर की थी।

 

एनआरएलएम के डिस्ट्री मैनेजर ने जानकारी देते हुए बताया कि आदिम जाति विभाग के द्वारा जिले के विभिन्न आश्रम-छात्रावासों में बच्चों के लिए 8 हजार नग चप्पल लागत् 9 लाख रूपए से खरीदी कर भेजा है। 444 पंचायतों में एलईडी बल्ब 1 लाख 20 हजार की लागत से उपलब्ध कराया गया है। 1 हजार स्वच्छता किट विभिन्न विद्यालयों में उपलब्ध कराया गया है।

 

हर घर झण्डा अभियान के तहत 5 लाख का झण्डा विक्रय किया गया है। इसके अलावा इमली चटनी, ईमली तेल, अगरबत्ती, धनिया पाउडर, चावल, दाल, चाय पत्ती, महुआ लड्डू, फूल झाडू, सेनेटाइजर, काजू, सरसों का तेल, फेसवास, हैण्ड वास का भी विक्रय करके महिलाएं अच्छी आमदनी प्राप्त कर रही हैं। उन्होंने बताया कि जशपुर के सी-मार्ट से सामग्रियों की मांग रायपुर, भिलाई, दुर्ग, सुकमा, अंबिकापुर जिलों में भी बड़ी मात्रा में की जाती है।

 

अन्य जिलों में मुख्य रूप से काजू, चाय, जीराफूल, जौफूल की मांग बनी हुई है। जशपुर जिले के काजू और चाय की मांग का मुख्य कारण गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाता है। सी-मार्ट में कार्य करने वाली स्व-सहायता समूह की महिलाओं को एनआरएलएम के डीपीएम अमीन खान, भरत पटेल और सी-मार्ट के मैनेजर अनिल कुमार निराला भी समय-समय पर सहयोग देते रहते हैं।

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