मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में महिला एवं बाल विकास विभाग की गतिविधियों की समीक्षा
महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण पर विशेष रूप से ध्यान दिए जाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ स्वस्थ और सुपोषित हो, इसके लिए जरूरी है कि हमारी आंगनबाड़ियां महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण के सशक्त केन्द्र के रूप में विकसित हो। उन्होंने प्रथम चरण में राज्य के दस हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों को मॉडल केन्द्र के रूप में विकसित किए जाने की योजना का क्रियान्वयन जिला प्रशासन के सहयोग से सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
सुपोषण अभियान बैठक के मुख्यबिंदु
रेडी-टू-ईट की गुणवत्ता एवं वितरण की व्यवस्था पर कड़ी निगरानी के निर्देश दिए।
बैठक में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं के रिक्त पदों की पूर्ति के संबंध में भी चर्चा की गई
वजन त्यौहार का प्रदेशव्यापी आयोजन आंगनबाड़ी केन्द्रों में आज 7 जुलाई से शुरू
इस साल 10 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों को मॉडल केन्द्र के रूप में विकसित किए जाने की योजना है
5 वर्ष तक के उम्र के 28 लाख बच्चों का वजन एवं ऊंचाई का माप लेकर उनके सुपोषण स्तर की मूल्यांकन किया जा रहा है।
2019 की स्थिति में 4,33,541 बच्चे कुपोषित थे मई 2021 की स्थिति में 1,40,556 बच्चे कुपोषण से बाहर आ चुके हैं
32 फीसद की कमी आई है।
81 हजार से अधिक महिलाएं एनीमिया से मुक्त हुई है।
मुख्यमंत्री निम्न योजनाओं की जानकारी ली
मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, नोनी सुरक्षा योजना, सुचिता योजना, महतारी जतन योजना, सामाजिक विकास एवं महिला सशक्तिकरण योजनाओं की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभाग के अधीन गठित महिला स्व-सहायता समूह सामाजिक सरोकार को बेहतर बनाने के साथ ही गौठान एवं अन्य गतिविधियों से जुड़कर सामाजिक एवं आर्थिक रूप से स्वावलंबन की ओर अग्रसर है।
बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में कुल 52,474 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित है, जिनमें से 3 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों को मॉडल एवं नर्सरी स्कूल के रूप में विकसित किया जा चुका है। इस साल 10 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों को मॉडल केन्द्र के रूप में विकसित किए जाने की योजना है। राज्य में रेडी-टू-ईट के निर्माण में 1,620 तथा गरम भोजन प्रदाय कार्य में 18,460 महिला स्व-सहायता समूह संलग्न है।