CM की चौपाल और 27 साल की समस्या खत्मः भूमि दस्तावेज के लिए ठोकर खा रहे थे ग्रामीण, मुख्यमंत्री भूपेश के निर्देश पर तत्काल मिला दस्तावेज… Featured

बोलता गांव डेस्क।।IMG 20220608 211807

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जन चौपाल कार्यक्रम भानुप्रतापपुर विकासखण्ड के ग्राम डोंगरकट्टा वासियों के लिए वरदान साबित हुआ है. इस गांव के सम्पूर्ण जमीन का रिकार्ड ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा वर्ष 1995 में जब्त कर वापस नहीं किया गया था, जिसके कारण यहां के भूमि खातेदारों की बहुत बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा था, जिसे वे 27 वर्षों से झेल रहे थे, आज यह समस्या हल हो गई है.

 

बता दें कि, ग्राम डोंगरकट्टा की जमीन के सम्पूर्ण दस्तावेज तहसील कार्यालय भानुप्रतापपुर को उपलब्ध करा दिया गया है, इससे ग्रामवासियों के साथ-साथ 110 खातेदारों को भी फायदा मिलेगा. भानुप्रतापपुर विकासखण्ड के ग्राम भानबेड़ा में 3 जून को CM की जन चौपाल कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जहां पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की फीडबैक ली जा रही थी.

 

साथ ही ग्रामीणों से उनकी समस्या और शिकायतों के संबंध में पूछताछ किया जा रहा था. उस समय ग्राम डोंगरकट्टा के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री बघेल से गुहार लगाते हुए बताया कि, ग्राम डोंगरकट्टा के संपूर्ण जमीन के रिकार्ड को ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा अविभाजित मध्यप्रदेश में जब्त कर लिया गया था, जिसे अब तक वापस नहीं किया गया है. गांव के किसानों का खाता, बंटवारा, सीमांकन, खरीदी-बिक्री इत्यादि कार्य नहीं हो पा रहा है, इसके कारण उन्हें शासकीय योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल रहा है. ग्रामीणों की पीड़ा को सुनकर मुख्यमंत्री बघेल ने इस संबंध में कार्रवाई करने के लिए कलेक्टर चन्दन कुमार को निर्देशित किया.

 

कलेक्टर चन्दन कुमार ने अपर कलेक्टर सुरेन्द्र प्रसाद वैद्य, एसडीएम भानुप्रतापपुर जितेन्द्र यादव, एसडीएम कांकेर धनंजय नेताम और तहसीलदार भानुप्रतापपुर सुरेन्द्र उर्वशा को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए प्रकरण का पता लगाने और उस पर विधिवत कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया. प्रकरण का पता लगाने पर ज्ञात हुआ कि अवैध वृक्ष कटाई के प्रकरण में ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा ग्राम डोंगरकट्टा के जमीन का रिकार्ड-संदर्भ सीट नक्शा, चालू नक्शा सीट, नामांतरण पंजी वर्ष 1989-90, मिशल बंदोबस्त वर्ष 1987-88, खसरा पांच साला वर्ष 1987-88, बी-1 वर्ष 1988-89 एवं वर्ष 1994-95 के रिकार्ड को 1997 में ई.ओ.डब्ल्यू. द्वारा जब्त कर जिला न्यायालय कांकेर में प्रस्तुत किया गया था, जो अब तक वापस नहीं हुआ था.

 

वहीं ग्राम डोंगरकट्टा के जमीन का रिकार्ड वापस करने के लिए तहसीलदार भानुप्रतापपुर द्वारा जिला न्यायालय कांकेर में आवेदन प्रस्तुत करने पर जब्त किए गए जमीन संबंधी संपूर्ण दस्तावेज को वापस किया गया, जिसे तहसील कार्यालय भानुप्रतापपुर में सुरक्षित रखा गया है. अपने गांव के जमीन का रिकार्ड वापस मिलने पर ग्राम डोंगरकट्टा के ग्रामीण बेहद खुश हैं. उन्होंने अपनी खुशी का इजहार करते हुए कहा कि अब हमें भी सीमांकन, बंटवारा, नामांतरण इत्यादि सुविधाओं का लाभ मिलेगा, साथ ही शासकीय योजनाओं से भी लाभान्वित होंगे.

 

 

 

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