भूमिहीन कृषक मजदूरों के लिए न्याय योजना लांच
CM भूपेश ने कहा कि राजीव गांधी भूमिहीन कृषक मजदूरों के लिए न्याय योजना लांच किया गया है. इसके लिए 200 करोड़ का प्रावधान रखा गया है. भूमिहीन कृषि मजदूर के लाखों लोगों को लाभ मिलेगा.
मनरेगा में काम करने वाले जिनके पास जमीन नहीं है, केवल मकान है. उनको इस योजना का लाभ मिलेगा. इन परिवारों को हर साल 6 हजार मिलेगा.
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छत्तीसगढ़ विधानसभा में बुधवार को 2 हजार 485 करोड़ 59 लाख 31 हजार 700 रुपए का अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित हो गया। इस बजट में 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था, भूमिहीन खेतिहर मजदूरों के लिए प्रस्तावित न्याय योजना के लिए की गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, इस योजना से भूमिहीन मजदूरों को प्रति परिवार सालाना 6 हजार रुपए मिलेंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, हमने न्याय की अवधारणा को आगे बढ़ाया है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना और अब भूमिहीन किसानाें के लिए न्याय योजना का दायरा लाखों लोगों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा, विकास का छत्तीसगढ़ मॉडल देश भर में सम्मान पा रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया, इस योजना के तहत धोबी, नाई, लुहार, बढ़ई और पुरोहिताई जैसे पारंपरिक काम में लगे भूमिहीनों को भी हर साल 6 हजार रुपए दिए जाएंगे। योजना पर काम चल रहा है। अनुमान है कि इससे प्रदेश के 10-12 लाख से अधिक लोगों को फायदा पहुंचेगा।
मुख्यमंत्री ने नरवा, गरुवा, घुरवा, बाड़ी की अवधारणा पर उठाए सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा, नया काम है, हो सकता है कुछ गलतियां हो जाएं। नरवा, गरुवा को पहले अधिकारी भी नहीं समझ पा रहे थे। लेकिन आज हम 10 हजार गांवों में एक लाख एकड़ जमीन को सुरक्षित कर चुके हैं। छत्तीसगढ़ इकलौता प्रदेश है जिसके पास 10 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट है। उन्होंने कहा, वे कृषि मंत्री से कहेंगे कि सदन की कार्यवाही खत्म होने के बाद सभी विधायकों को किसी गौठान में ले जाएं। काम दिखाएं, वहां से आने के बाद सुझाव आमंत्रित रहेंगे।