रायपुर: इस वर्ष गणेश चतुर्थी सितंबर माह में है, लेकिन मूर्तिकारों द्वारा अभी से इसकी तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। बारिश के दिनों में मिट्टी सूखने में वक्त लगता है। यदि मूर्ति बड़ी है और लगातार बारिश हो रही है तो उसके सूखने में माहभर का समय लग जाता है। प्रतिवर्ष माना में बड़े पैमाने पर मूर्तियां बनाई जाती हैं, लेकिन इस वर्ष नई मूर्तियों का निर्माण नहीं हो रहा है। बीते वर्ष कोराेना संक्रमण के कारण बड़ी मूर्तियाें की बिक्री नहीं हो सकी थी, इसलिए उन्हीं मूर्तियों की इस वर्ष बिक्री की जाएगी। आदेश आने के बाद बड़ी मूर्तियों का रंगरोगन भी रोक दिया गया था। अब उन मूर्तियों की फिनिशिंग की जा रही है। कई माह बीत जाने के कारण पहले मूर्तियों की सफाई की जाएग, इसके बाद उनमें पुट्टी लगाकर फिर घिसाई की जाएगी, अंत में रंगरोगन होगा। अभी सिर्फ बीते वर्ष की बड़ी मूर्तियों को ही तैयार किया जा रहा है। छोटी मूर्तियां पर्व के कुछ समय पूर्व बनाई जाएंगी।