रायपुर: मलेरिया मुक्त अभियान को साकार करने के लिए पूरा स्वास्थ्य अमला लगा हुआ है। खासकर दूरस्थ इलाकों और कठिन रास्तों की बाधा पार कर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना एक जज्बे भरा काम है। ऐसे ही एक राहत भरी खबर सुकमा जिले की है, जहां दुर्गम इलाकों में अपने बुलंद हौसलों से आसान बनाते हुए पहुंची स्वास्थ्य अमले की टीम ने अब तक जिले में 90 हजार से अधिक लोगों की मलेरिया जांच कर चुकी है। जिसमें से केवल 592 लोग पॉजिटिव पाए गए है। जिले में मलेरियामुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के चतुर्थ चरण का प्रारंभ 15 जून से किया गया है। 700 सर्वे दल के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के 2 लाख 57 हजार 467 व्यक्तियों का मलेरिया जांच का लक्ष्य निर्धारित है।
मलेरिया मुक्त अभियान के तहत स्वास्थ्य अमला की टीम सुकमा जिले के मरईगुड़ा, गोलापल्ली, किस्टारम, बंडा, मेहता, गोण्डेरास जैसे दुर्गम और पहुँचविहीन गांवों के साथ ही ग्राम पोटकपल्ली, टेटेमड़गू, कोसमपाड़, पल्लोड़ी, कासाराम, करीगुंडम, नागाराम, उर्सांगल, कोण्डासांवली जैसे अंदरुनी क्षेत्रों में घर-घर पहुंच रही है। टीम ने ग्राम पंचायत सिलगेर पहुँचकर 1500 व्यक्तियों की मलेरिया जाँच की है।
सुकमा जिले में अब तक 22 हजार 895 घरों में निवासरत 90 हजार 703 लोगों का मलेरिया की जाँच किया जा चुका है। जिसमें से केवल 592 व्यक्ति ही पॉजिटिव पाए गए हैं। जिन्हें तत्काल दवा उपलब्ध कराई गई। जाँच दल के सदस्य बताते हैं कि मलेरिया जांच के दौरान दल को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। नदी-नाले भरे रास्तों में सफर करना और घने जंगलों में रास्ता भटक जाना जैसी कठिनाइयां आती रहती है। उन्होंने बताया कि इस कठिन भरे सफर को पार कर जब वे गांव पहुंचते है तो ग्रामीणों का उत्साह के साथ जांच कराते देख उन्हें काफी हौसला मिलता है।