रायपुर:पूरे बस्तर संभाग से मलेरिया को खत्म करने में मील का पत्थर साबित हो रहे मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के चौथे चरण की शुरूआत 15 जून से हो चुकी है। 31 जुलाई तक चलने वाले चौथे चरण के शुरूआती चार दिनों में ही स्वास्थ्य विभाग की टीम करीब 31 हजार घरों तक पहुंच चुकी है। इस दौरान एक लाख 28 हजार से अधिक लोगों की मलेरिया जांच कर पॉजिटिव पाए गए 1066 मरीजों का तत्काल इलाज शुरू किया गया है। मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ और मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के असर को देखते हुए प्रदेश में इस बार इसे कुल 21 जिलों तक विस्तारित किया जा रहा है। अभियान से मलेरिया उन्मूलन के साथ ही एनीमिया और कुपोषण को खत्म करने तथा शिशु व मातृ मृत्यु दर में कमी लाने में मदद मिलेगी।
अभियान के तीन चरणों के असर से बस्तर में मलेरिया के मामलों मे 39 प्रतिशत की कमी
एपीआई में भी बड़ी गिरावट, 2016 में 20.78 की तुलना में 2020 में 8.57 एपीआई
छत्तीसगढ़ सरकार ने अभियान की सफलता को देखते हुए अब इसे 21 जिलों तक किया विस्तारित
मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान को नीति आयोग और यूएनडीपी की भी मिल चुकी है सराहना, देश भर के आकांक्षी जिलों में संचालित सर्वश्रेष्ठ अभियानों में से एक बताया
अभियान के असर को देखते हुए जीएफएटीएम भी दे रहा मोबिलिटी-सपोर्ट, अगले तीन सालों तक मिलेगा सहयोग
मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान सरगुजा संभाग के साथ अब बिलासपुर संभाग के 4, दुर्ग के 3 और रायपुर के 2 जिलों में भी
बस्तर में 15 जून से शुरू हो चुका है अभियान का चौथा चरण, शेष जिलों में 25 जून से शुरूआत, इस बार 20.29 लाख लोगों तक पहुंचेगा अभियान
बस्तर संभाग में अभियान के अच्छे नतीजों को देखकर इसे मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के रूप में विस्तारित करते हुए दिसम्बर-2020 में सरगुजा संभाग के पांचों जिलों कोरिया, जशपुर, बलरामपुर-रामानुजगंज, सरगुजा और सूरजपुर में अभियान संचालित किया गया। वहां इस अभियान के पहले चरण में तीन लाख 89 हजार लोगों की मलेरिया जांच कर पॉजिटिव पाए गए लोगों का मौके पर इलाज किया गया। अभियान के असर से वहां अप्रैल-2020 की तुलना में अप्रैल-2021 में मलेरिया के मामलों में 60 प्रतिशत की कमी आई है।