बंगाली थिअटर की मशहूर कलाकार स्वातिलेखा सेनगुप्ता (Swatilekha Sengupta) का बुधवार को निधन हो गया। वह 71 वर्ष की थीं और पिछले 25 दिनों से किडनी संबंधी बीमारी से जूझ रही थीं। उनकी हालत बिगड़ती ही जा रही थी।बंगाली थिअटर की मशहूर कलाकार स्वातिलेखा सेनगुप्ता (Swatilekha Sengupta) का बुधवार को निधन हो गया। वह 71 वर्ष की थीं और पिछले 25 दिनों से किडनी संबंधी बीमारी से जूझ रही थीं। उनकी हालत बिगड़ती ही जा रही थी।
इस खबर के सामने आने के बाद से बंगाली फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई। इसे बड़ा नुकसान बताते हुए कई फिल्म, टेलिविजन और थिअटर पर्सनैलिटीज ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। स्वातिलेखा और उनके पति रुद्रप्रसाद सेनगुप्ता का बंगाली थिअटर में बड़ा योगदान रहा है। वह थिअटर प्रॉजेक्ट्स के लिए स्क्रीनप्ले लिखा करती थीं।
’घरे बैरे’ को दुनियाभर में खूब वाहवाही मिली
बिमला (घरे बाइरे)रवींद्रनाथ टैगोर के इसी नाम के उपन्यास से प्रेरित, फिल्म एक अनपढ़ गृहिणी की इच्छाओं को भी दर्शाती है. बिमला (स्वातिलेखा चटर्जी) को घरेलू जीवन के बाहर की दुनिया की खोज के लिए प्रोत्साहित किया गया है. फिल्म की कहानी बिमला, एक स्वदेशी नेता और एक उदार के बीच “लव ट्राइंगल “पर है.
रे हमें इस फिल्म में एक वास्तविक चरित्र प्रदान करते हैं, एक डरपोक गृहिणी जो बाहर की दुनिया का सामना करने के बाद खुद को बेहतर समझती है. उसकी आत्म-खोज उसके पति द्वारा प्रोत्साहित की जाती है.
सत्यजीत रे ने भारतीय सिनेमा को कुछ ऐसी महिलाएँ दी हैं जो क्लासिक हैं और समकालीन भी.
बेटी ने कहा
मां को काम के लिए याद किया जाएगा रुद्रप्रसाद और स्वातिलेखा की एक बेटी सोहिनी हैं जो कि पॉप्युलर आर्टिस्ट हैं और पावर-पैक परफॉर्मेंसेस के लिए जानी जाती हैं। सोहिनी ने कहा, 'मेरी मां बेहतरीन इंसान और कलाकार थीं। उनके काम को याद किया जाएगा। वह बेहतरीन स्टूडेंट और गोल्ड मेडलिस्ट थीं। उन्होंने कई लोगों की मदद की।' सोहिनी कई थिअटर प्रॉजेक्ट्स और फिल्मों का हिस्सा रही हैं। फिलहाल, वह 'Khorkuto' में अहम भूमिका निभा रही हैं जिसमें रत्ना घोषाल, कौशिक रॉय जैसे ऐक्टर्स भी हैं।
इन फिल्मों में नजर आईं स्वातिलेखा
' बता दें, स्वातिलेखा स्टेज और कैमरे के सामने भी बोलती थीं। वह सत्यजीत रे की ‘Ghare Baire’ के अलावा ‘Bela Seshe’, ‘Belashuru’, 'Dharmajuddha' जैसी फिल्मों का हिस्सा रहीं। उन्हें ऐक्टर के तौर पर भारतीय थिअटर में उनके योगदान के लिए 'पश्चिम बंग नाट्य अकादमी अवॉर्ड' और 'संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड' से भी सम्मानित किया गया था।