बोलता गांव डेस्क।।
यूक्रेन के मुकाबले काफी बड़ी सेना और अत्याधुनिक हथियारों से लैस होने के बावजूद रूस अभी तक यूक्रेन को फ़तह नहीं कर पाया है। महीने भर के संघर्ष में यूक्रेन नुकसान उठाने के बावजूद खुद की रक्षा में काफी हद तक सफल रहा है। इस संघर्ष में यूक्रेन की एक शक्ति बनकर उभरने के पीछे बड़ा कारण वहां के लोगों की बहादुरी है। रूसी हमले की आशंका के बाद से ही बड़ी संख्या में आम यूक्रेनियों ने हथियार उठाना शुरू कर दिया था।
इनमें अच्छी-खासी संख्या महिलाओं की है। इन महिलाओं ने अपने देश के सैनिकों के कंधे से कंधा मिलाकर रूसी सेना का मुकाबला किया। जिसके चलते यूक्रेन पर रूस का पूरी तरह से कब्जा नहीं हो पाया। यूक्रेन की इन महिला लड़ाकों ने युद्ध में रूस को काफी नुकसान पहुंचाया है।
युद्ध के पहले ही शुरू हो गई थी ट्रेनिंग
यूक्रेन को रूसी हमले का अंदेशा काफी पहले से था। ऐसे में उसने देश की ‘महिला शक्ति’ पर भरोसा किया। रूसी हमले के काफी पहले ही यूक्रेन की आम महिलाओं ने युद्धक और सैल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी। हमले के बाद इन महिला लड़ाकों की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है।
परिवार-बच्चों को छोड़ सेना में हो रहीं शामिल
अलग-अलग पेशे से जुड़ी महिलाएं शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग लेकर देश की रक्षा के लिए सेना में भर्ती हो रही हैं। इन्हें बंदूक चलाने से लेकर फर्स्ट एड और सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा रही है। ज्यादातर महिलाएं अपना काम, घर-परिवार और बच्चों को छोड़कर आई हैं। आम यूक्रेनी लड़कियां और महिलाएं वतन की सुरक्षा के लिए कड़ी सैन्य ट्रेनिंग ले रही हैं।