बोलता गांव डेस्क।। रायगढ़ में नायब तहसीलदार और उनके कर्मचारियों की पिटाई करने का मामला सामने आने के बाद वकील और राजस्व अफसरों के बीच विवाद गहरा गया है। कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी संघ ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी है। लेकिन, केस वापसी सहित राजस्व न्यायालय में भ्रष्टाचार और अब एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग को लेकर वकीलों ने आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है। उन्होंने राज्य शासन की तरफ से कार्रवाई नहीं होने पर दिल्ली जाकर केंद्र सरकार तक मामले को ले जाने की बात कही है।
हाईकोर्ट बार एसोसएिशन के बैनर तले बिलासपुर में शुक्रवार को हाईकोर्ट में एक दिवसीय सांकेतिक धरना-प्रदर्शन भी किया गया। इस दौरान वकीलों ने राजस्व अफसरों के उस बयान पर भी नाराजगी जाहिर की, जिसमें वकीलों को दलाल बोला गया है और भ्रष्टाचार की पहली सीढ़ी बताया गया है। बार एसोसिएशन के पदाधिकारी और वकीलों ने कहा कि लोक सेवक होते हुए जिस तरह से प्रदेश भर के कार्यालयों में तालेबंदी कर अफसरों ने राज्य शासन पर दबाव बनाया है। इसके खिलाफ में जनहित याचिका लगी है। इसके साथ ही वकील समुदाय अब राजस्व न्यायालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म कर तहसीलदार और उनके कर्मचारियों के काम में पारदर्शिता लाने के लिए राज्य शासन से मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक शाासन उनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लेगी, तब तक उनका विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा।
पदाधिकारी बोले- राजस्व दफ्तर में तय हो समय सीमा
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल वहाब खान ने कहा कि राजस्व विभाग में भ्रष्टाचार चल रहा है। जिसका विरोध करने पर वकीलों के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की गई है। वकीलों की सुरक्षा के लिए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए। तहसील कार्यालय में नामांकन, सीमांकन, भू-अधिकार जैसे सामान्य कामकाज के लिए आम जनता को चक्कर काटना पड़ता है और काम कराने के लिए उन्हें रिश्वत देना पड़ता है। हड़ताली अधिकारियों के प्रति शासन का रवैया सोचनीय है। प्रदेश भर के अधिवक्ता संघ अब राजस्व भ्रष्टाचार को खत्म करने निर्णायक लड़ाई जारी रखेगा। राज्य शासन की तरफ से कार्रवाई नहीं होने पर संघ के पदाधिकारी दिल्ली जाकर केंद्र सरकार तक अपनी बात पहुंचाएंगे।
बयान देने वाले तहसीलदार को कानूनी नोटिस जारी किया जाएगा
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल वहाब खान ने कहा कि हड़ताल के दौरान जिन राजस्व अफसरों ने वकीलों के खिलाफ बयान दिया है और उन्हें दलाल बताया है। उन्हें कानूनी नोटिस जारी करने की बात भी कही है। मालूम हो कि कोरबा में हड़ताली अधिकारियों ने वकीलों को दलाल और भ्रष्टाचार की पहली सीढ़ी कहते हुए तहसीलदारों के नाम से अवैध उगाही करने का आरोप लगाया है।