विक्की कौशल और रश्मिका मंदाना स्टारर फिल्म छावा 14 फरवरी को रिलीज होने वाली है। बीते दिनों फिल्म का ट्रेलर रिलीज किया गया था। इस ट्रेलर में विक्की कौशल के डांस मूव्स को लेकर विवाद देखने को मिला है। अब ये विवाद गहराता जा रहा है। इस विवाद में महाराणा प्रताप के वंशज और पूर्व राज्यसभा सांसद संभाजीराजे छत्रपति ने शुक्रवार को कहा कि फिल्म छावा की ऐतिहासिक तथ्यों की पुष्टि के लिए रिलीज से पहले इतिहासकारों को दिखाया जाना चाहिए। यह फिल्म मराठा योद्धा-राजा छत्रपति संभाजी महाराज पर आधारित है। छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज, पूर्व सांसद की टिप्पणियां कुछ तबकों के विरोध के बीच आईं, जिन्होंने फिल्म में एक नृत्य दृश्य पर आपत्ति जताई थी। इसमें अभिनेता विक्की कौशल और रश्मिका मंदाना शामिल हैं, जो क्रमशः छत्रपति संभाजी महाराज और महारानी येसुबाई की भूमिका निभा रहे हैं।
इस डांस मूव को लेकर छिड़ा विवाद
इस सप्ताह की शुरुआत में जारी फिल्म के ट्रेलर में एक सीक्वेंस है जिसमें विक्की और रश्मिका मंदाना महाराष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत से जुड़े पारंपरिक संगीत वाद्ययंत्र 'लेज़िम' के साथ नृत्य करते नजर आ रहे हैं। इसको लेकर संभाजीराजे छत्रपति ने कहा कि 'यह सराहनीय है कि फिल्म छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन और वीरतापूर्ण शासनकाल पर प्रकाश डालती है। निर्देशक लक्ष्मण उतेकर और उनकी टीम ने मुझे फिल्म का ट्रेलर दिखाया। मैंने उनसे कहा कि मैं रिलीज से पहले पूरी फिल्म देखना चाहूंगा। मैंने उन्हें कनेक्ट करने की भी पेशकश की।' संभाजीराजे छत्रपति ने कहा, 'इस महत्वपूर्ण कहानी को दुनिया भर के दर्शकों के सामने प्रामाणिक रूप से प्रस्तुत किया जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए इतिहासकारों को अशुद्धियों को दूर करने के लिए कहा जाएगा।' हालांकि फिल्म निर्माताओं ने अभी तक इतिहासकारों के साथ बातचीत नहीं की है। जबकि यह हमारी सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, इस पर चर्चा करना आवश्यक है कि क्या इस तरह की सिनेमाई स्वतंत्रता लेना संभाजी महाराज की गरिमा और ऐतिहासिक चित्रण के अनुरूप है। इतिहासकारों और विशेषज्ञों को चाहिए कि इस चित्रण की उपयुक्तता पर विचार-विमर्श करें।
लोगों ने किया था विरोध प्रदर्शन
इससे पहले कुछ मराठा संगठनों ने पुणे के ऐतिहासिक लाल महल में विरोध प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा, 'हम उस नृत्य अनुक्रम पर आपत्ति करते हैं जिसमें राज्याभिषेक के बाद संभाजी महाराज और रानी येसुबाई को नृत्य करते हुए दिखाया गया है। फिल्म निर्माताओं को इतिहासकारों को फिल्म दिखानी चाहिए और उनकी हरी झंडी मिलने के बाद ही इसे रिलीज किया जाना चाहिए।'