रायपुर। साइबर ठगी के मामले में साइबर पुलिस ने छत्तीसगढ़ के साथ ओडिशा और राजस्थान में दो दिनों तक 40 स्थानों पर छापेमारी की है। पुलिस ने गुरुवार को 85 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में 62 आरोपितों को गिरफ्तार किया है।
इनमें नवा रायपुर स्थित कलिंगा यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर की पढ़ाई कर रहे तीन नाइजीरियन छात्र एबदुलाजीज बेना राबीयू, बसीर सुलेमान, अमीनू गरबा भी शामिल हैं। उन्हें हॉस्टल से ही गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने दो करोड़ की रकम को होल्ड कराया है।
आरोपितों के विरुद्ध कई राज्यों में 1,435 रिपोर्ट दर्ज हैं। साइबर पुलिस ने बताया है कि सभी आरोपित बैंकों में म्यूल अकाउंट खुलवाकर साइबर ठगी करने वालों को खाता उपलब्ध कराने का काम करते थे। रायपुर आईजी अमरेश मिश्रा के मार्गदर्शन में 100 सदस्यीय टीमों ने आपरेशन ‘साइबर शील्ड’ चलाया गया था।
साइबर ठगी के मामलों को लेकर आपरेशन साइबर शील्ड के तहत अभियान चलाया गया। इसके तहत गिरफ्तारी की गई है। आने वाले समय में और भी गिरफ्तारियां की जाएंगी। - अमरेश मिश्रा, आइजी, रायपुर
विभिन्न जगहों पर की गई छापामारी
यह छापामारी रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, महासमुंद समेत राजस्थान और ओडिशा के विभिन्न इलाकों में की गई। पुलिस ने नेटवर्क को तोड़ने के लिए साइबर क्राइम पोर्टल में 1,100 से अधिक म्यूल बैंक अकाउंट की जांच की। ठगी के लिए इस्तेमाल अकाउंट से मिलान किया गया।
इसके बाद म्यूल अकाउंट खुलवाने वालों की लंबी पहचान प्रक्रिया शुरू की। इसके बाद जालसाजों की गिरफ्तारी की गई। आरोपितों में छत्तीसगढ़ के 55 जालसाज हैं, जिसमें अकेले रायपुर से की गई 40 गिरफ्तारियां शामिल हैं। आरोपितों में ओडिशा का शिवा राव, सुरेश राव और राजस्थान का विजय सिंह मीणा भी है।
यह है म्यूल बैंक अकाउंट
म्यूल बैंक अकाउंट वह बैंक अकाउंट होते हैं जो धोखाधड़ी, साइबर क्राइम और ठगी में इस्तेमाल किए जाते हैं। यह अकाउंट आमतौर पर ठगों द्वारा एक व्यक्ति को पैसे ट्रांसफर करने के लिए दिया जाता है, ताकि वे खुद अपने खाते से सीधे पैसे नहीं भेज सके और यह धोखाधड़ी छिपी रहे।
कई तरह से करते थे ठगी
साइबर रेंज पुलिस ने नवा रायपुर स्थित कलिंगा यूनिवर्सिटी में कंप्यूटर की पढ़ाई कर रहे तीन नाइजीरियन छात्र एबदुलाजीज बेना राबीयू, बसीर सुलेमान और अमीनू गरबा को गिरफ्तार किया है। इन पर हॉस्टल और विवि में पढ़ाई करने के साथ ठगी करने का आरोप है।
पुलिस को प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपितों द्वारा डिजिटल अरेस्ट, शेयर मार्केट, गूगल रिव्यू टास्क, टेलीग्राम टास्क, बैंक केवाइसी अपडेट सहित अन्य ठगी में इनका हाथ था। वहीं ठगी की रकम को दूसरे खातों में ट्रांसफर करते थे। यूनिवर्सिटी में 70 से ज्यादा नाइजीरिया के छात्र पढ़ाई करते हैं।
पुलिस ने छात्रों को पूछताछ के लिए बुलाया था। आगे भी पुलिस का पूरा सहयोग किया जाएगा। छात्रों द्वारा ठगी की जा रही थी, इसके बारे में जानकारी नहीं है। - संदीप गांधी, कुलसचिव कलिंगा यूनिवर्सिटी, नवा रायपुर
बैंक कर्मचारियों की भी हो सकती है गिरफ्तारी
इस मामले में जल्द ही बैंक के कर्मचारी, ब्रोकर की गिरफ्तारी की जा सकती है। सात अलग-अलग ठगी के मामलों में दो दिन तक चली कार्रवाई में 62 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें म्यूल बैंक अकाउंट धारक, संवर्धक, ब्रोकर, ठगी करने वाले शामिल हैं।
गिरफ्तार आरोपितो के विरुद्ध विभिन्न राज्यों के थानों में 1,435 मामले दर्ज हैं। इसमें पीड़ितों से 84 करोड़ की ठगी की गई है।
रायपुर से इनकी गिरफ्तारी
मेहुल विज, देवेंद्र सेन, सौरभ पाल, अशोक लाल बघेल, हरीश सोनकर, तुलसी तांडी, वासु पटेल, दीपक पटेल, दीपक कपूर, पुरुषोत्तम बजाज, सूरज सक्सेना, राहुल नायक, ललित बंश्रे, समीर जनबंधु, प्रीति साहू, लोकेश्वर चंद्राकर, मनोज धीवर, गौतम भारती, टेमन हियाल, उपासना जगत, भारती बाघ, वीणा तांडी, डी. कामराजू, कल्पना खरे, राहुल शर्मा, श्रेया यादव, दीपक छुरा, प्रेमदास मानिकपुरी, आयुष सागर, पंकज भोंडलेकर, नवीन गोस्वामी, भीमाशंकर नायक, संदीप डोंडेकर, अजय निर्मलकर, इंद्र कुमार साहू, अभय अडवानी, सूर्यकांत मंझवार, सौरभ शर्मा, संगीता मांझी, यमन बंजारे, गोविंद यादव शामिल है ।
राजनांदगांव के ये आरोपित
गजेन्द्र वर्मा, अफजल खान, प्रवीण कुमार ठाकुर, शेख जीशान, धनेश सेन, शुभम दत्ता, तनिष्क सिंह भाटिया, अरविंद चौरे, रजत श्याम कुंवर, हरीश ध्रुवे, रोशन वर्मा, कमलेश उईके, उमेश तड़स। इसके अलावा महासमुंद से सत्यम देवानी और बिलासपुर से सिप्रियन जैकब को गिरफ्तार किया गया है।
1,100 म्यूल बैंक की जांच के बाद कार्रवाई
साइबर क्राइम पोर्टल में 1,100 से अधिक म्यूल बैंक अकाउंट की जांच की गई। जांच कार्रवाई में पीड़ितों की पहचान कर उनसे घटना के संबंध में जानकारी एकत्र की गई।
साइबर क्राइम पोर्टल की रिपोर्ट, बैंक खाते में हुए ट्रांजैक्शन, एक ही व्यक्ति के अधिक बैंक अकाउंट एवं अन्य तकनीकी साक्ष्य के आधार पर बैंक अकाउंट खुलवाने और अकाउंट का डिजिटल अरेस्ट, शेयर ट्रेडिंग फर्जी एप बनाने वालों को चिह्नांकित किया।
इसके अलावा क्रिप्टो करेंसी में इंवेस्ट, गूगल रिव्यू टास्क, टेलीग्राम टास्क, बैंक केवाइसी अपडेट एवं गूगल सर्च जैसे साइबर अपराध में उपयोग करने वाले लोगों को चिह्नांकित कर कार्रवाई की गई है।
एक लाख रुपये प्रतिमाह किराये पर दिए खाते
आरोपितों ने ठगी के मामले में म्यूल बैंक खाते के लिए ठगों को अपने खाते बेचे। इसके बदले में इनके द्वारा एक लाख रुपये प्रतिमाह के हिसाब से पैसे लिए गए। वहीं कुछ ने खाते में आने वाली रकम का 10 से 20 प्रतिशत लिया। इसके अलावा पांच से 10 हजार रुपये में भी खाते बेचे गए।