Cyber Fraud: टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने नए सिम कार्ड नियमों के तहत कड़े नियमों को लागू करना शुरू कर दिया है. हाल ही में ट्राई (TRAI) ने फर्जी कॉल्स और एसएमएस की समस्या से निपटने के लिए एक अभियान शुरू किया है, जिसके तहत हजारों नंबरों को डिएक्टिवेट किया गया है. सरकार ने लोगों को फ्रॉड से राहत दिलाने की तैयारी कर ली है. नए नियमें के तहत कुछ लोगों को नए सिम कार्ड खरीदने से प्रतिबंधित किया जा सकता है. इन लोगों को तीन साल के लिए ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
सख्त कार्रवाई
आपने देखा होगा कि कुछ लोग किसी और के नाम पर सिम कार्ड खरीद लेते हैं और फिर उसका इस्तेमाल फ्रॉड करने के लिए करते हैं. अब इन लोगों के लिए मुसीबत हो सकती है. अधिकारी इस संबंध में सख्त कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं. रिपोर्टों के मुताबिक किसी और के नाम पर सिम कार्ड खरीदने वाले या धोखाधड़ी वाले मैसेज भेजने वाले व्यक्ति मुसीबत में पड़ सकते हैं. ऐसे अपराधियों को साइबर सुरक्षा के लिए खतरा माना जाएगा.
तीन साल तक का बैन
किसी और के नाम पर सिम कार्ड खरीदकर फ्रॉड करने वाले लोगों को ब्लैकलिस्ट किया जा सकता है. इन लोगों पर तीन साल तक का बैन लग सकता है. ब्लैकलिस्ट किए गए लोगों के सिम कार्ड ब्लॉक कर दिए जाएंगे और उन्हें छह महीने से तीन साल तक कोई नया कनेक्शन लेने से बैन किया जाएगा. नए नियमों के तहत किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर सिम कार्ड लेना एक अपराध माना जाता है.
टेलीकॉम कंपनियों के साथ शेयर की जाएगी लिस्ट
2025 से ब्लैकलिस्ट किए गए लोगों की लिस्ट को टेलीकॉम कंपनियों के साथ भी शेयर किया जाएगा ताकि उनके नाम पर फिर से कोई सिम कार्ड जारी न किया जाए. सरकार ने इन साइबर सुरक्षा नियमों के तहत व्यक्तियों का एक डेटाबेस बनाने का फैसला लिया है. जिन लोगों के नाम लिस्ट में होंगे उन्हें नोटिस भेजा जाएगा, जिसका उन्हें सात दिन में जवाब देना होगा.