CAA: बांग्लादेश में चल रही उथल-पुथल के बीच भारत ने 5 बांग्लादेशियों को दी इंडियन सिटीजनशिप Featured

CAA: बांग्लादेश में चल रही उथल-पुथल के बीच भारत ने 5 बांग्लादेशियों को दी इंडियन सिटीजनशिप

जिन पांच लोगों को भारत की नागरिकता मिली है, वह राजचूर जिले में एक रिलीफ कैंप में रह रहे थे. ये कैंप साल 1971 में बनाए गए थे,

बांग्लादेश में चल रही सियासी उठा-पटक के बीच कर्नाटक में पांच बांग्लादेशियों को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत भारत की नागरिकता मिल गई है. ये लोग यहां रायचूर जिले के सिंधनूर तालुक के रिलीफ कैंप में रह रहे हैं. इस कैंप में 25 हजार लोग हैं, जिनमें से 20 हजार बांग्लादेशी रिफ्यूजी हैं और पांच हजार म्यांमार से आए हैं.

सिटीजनशिप अमेंटमेंट एक्ट (CAA) के तहत अब तक 146 लोग भारतीय नागरिकता के लिए अर्जी दे चुके हैं. जिन पांच लोगों को भारत की नागरिकता मिली है. वो सभी हिंदू हैं. कर्नाटक में सीएए के तहत भारत की नागरिकता दिए जाने का यह पहला मामला हैं. जिन पांच बांग्लादेशियों को भारत की नागरिकता मिली है, उनमें रामाकृष्णन अभिकारी, अदवित, सुकुमार, बिपरादास गोल्डर और जयंत मंडल शामिल हैं. 

 

कर्नाटक में रिलीफ कैंप साल 1971 में बनाए गए थे, जब बांग्लादेश पाकिस्तान से अलग हुआ था. तब बड़ी संख्या में पूर्वी पाकिस्तान से लोग भागकर भारत में शरण लेने के लिए आए थे. तब इन लोगों को शरण देने के लिए ये कैंप बनाए गए थे.

सीएए कानून के तहत भारत पड़ोसी मुल्कों जैसे अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से प्रताड़ित होकर आने वाले अल्पसंख्यकों को भारत की नागिरकता दी जा रही है. इसके तहत हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी धर्म के लोगों को इंडियन सिटीजनशिप दी जाएगी. सरकार ने इन लोगों के लिए प्रक्रिया को और आसान करते हुए केंद्र, राज्य या अर्ध-न्यायिक निकाय की ओर से जारी ऐसा कोई भी दस्तावेज स्वीकार्य कर दिया है, जिससे यह साबित होता हो कि आवेदक के माता-पिता, दादा-दादी या परदादा-परदादी में से कोई भी इन तीन देशों में से किसी एक के नागरिक हैं या रहे हैं. नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत कई आवेदकों को नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 के एक विशेष खंड के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ा.

 

साल 2019 में सीएए लागू किया गया था और अधिनियम के बाद राष्ट्रपति से भी इसको मंजूरी मिल गई, लेकिन जिन नियमों के तहत भारतीय नागरिकता दी जाएगी, उसे इसी साल मार्च में जारी किया गया. चार साल पहले जब सीएए को लागू किया गया था तो इसे लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे. इसके तहत 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए सताए गए हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध और पारसी लोगों को नागरिकता दी जा रही है.

Rate this item
(0 votes)

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.

RO no 13028/15
RO no 13028/15 "
RO no 13028/15 "
RO no 13028/15 "

MP info RSS Feed