बोलता गांव डेस्क।। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने दुनिया भर की सरकारों को ओमिक्रॉन के खतरे के प्रति फिर से आगाह किया है। WHO ने कहा है कि ओमिक्रॉन को कोरोना का माइल्ड वैरिएंट मानते हुए कई देशों में कोविड प्रतिबंधों में ढील देना जल्दबाजी है। स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ओमिक्रॉन का नया सब-वैरिएंट जितनी तेजी से फैल रहा है, उससे कोरोना संकट की मौजूदा लहर के जल्द खत्म होने की संभावनाओं को झटका लगा है।
चलिए जानते हैं कि आखिर क्या है ओमिक्रॉन को लेकर WHO की नई चेतावनी? क्यों कोरोना का नया सब-वैरिएंट बढ़ा रहा है टेंशन? WHO ने लोगों को दी कोरोना से बचने के लिए कौन सी सलाह?
WHO ने सरकारों को ओमिक्रॉन को लेकर फिर जारी की चेतावनी
•WHO की टेक्निकल हेड मारिया वान केरखो ने दुनिया भर की सरकारों को ओमिक्रॉन को गंभीरता से लेने की अपील की है।
•WHO ने कहा कि अभी भी कई देशों में ओमिक्रॉन वैरिएंट की वजह से कोरोना की ताजा लहर का पीक आना बाकी है। ऐसे में देशों को कोरोना प्रतिबंधों में ढील देने में जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए।
•मारिया ने कहा कि ऐसा करना उन देशों के लिए और भी खतरनाक हो सकता है, जहां वैक्सीनेशन काफी कम हुआ है। अमेरिका, यूरोप, भारत समेत कई देशों में 70-80% आबादी का वैक्सीनेशन हो चुका है, लेकिन कई अफ्रीकी देशों में तो अभी 10% आबादी भी वैक्सीनेटेड नहीं है।
•WHO ने दुनिया के ऐसे देशों को चेतावनी देते हुए कहा है कि किसी भी देश को महामारी के मामले में अपने देश की स्थिति के अनुसार कदम उठाना चाहिए, न कि दूसरे देशों की देखादेखी।
•मारिया ने कहा कि कोरोना के सभी प्रतिबंधों को एक साथ हटाना सही नहीं होगा और प्रतिबंध हटाने में बहुत सावधानी बरती जानी चाहिए, क्योंकि वायरस बहुत तेजी से फैलता है।
•WHO डायरेक्टर जनरल ट्रेडोस ने कहा है कि दुनिया के लगभग सभी क्षेत्रों में मौतों का आंकड़ा बढ़ना चिंता का विषय है।
•उन्होंने कहा कि कुछ देशों में ये सोच पैदा हो गई कि वैक्सीन की सुरक्षा और ओमिक्रॉन के तेजी से ट्रांसमिशन और कम घातक वैरिएंट होने से इसे फैलने से रोक पाना न तो संभव है और न ही ऐसा करना जरूरी है।
•WHO ने कहा कि किसी भी देश के लिए ओमिक्रॉन के सामने सरेंडर करना या खुद को विजेता घोषित करना दोनों ही बिना सोचा-समझा कदम होगा।
•ट्रेडोस ने कहा कि वायरस खतरनाक है और यह हमारी आंखों के सामने ही खुद में तेजी से परिवर्तन कर रहा है।
•WHO ने सरकारों को जितना संभव हो ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन करने की सलाह दी, ताकि मौत का खतरा घटाया जा सके।
•WHO ने लोगों से खुद को कोरोना संक्रमण से बचाने की कोशिश करने की अपील की और मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग रखने और जरूरत न होने पर घर पर ही रहने की सलाह दी।
ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट बना परेशानी का सबब
दुनिया अभी ओमिक्रॉन के खतरे से उबरी भी नहीं है कि इसके नए सब-वैरिएंट BA.2 ने दुनिया की टेंशन बढ़ा दी है। ओमिक्रॉन के चार सब-वैरिएंट BA.1, BA.1.1, BA.2, BA.3 मिल चुके हैं। इनमें ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट BA.2 को सबसे संक्रामक माना जा रहा है।
WHO के मुताबिक, ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट (BA.2) के केस भारत समेत दुनिया के 57 देशों में मिल चुके हैं।
•स्टेल्थ ओमिक्रॉन या छिपा ओमिक्रॉन कहे जा रहे इस नए सब-वैरिएंट को ओमिक्रॉन से भी ज्यादा संक्रामक माना जा रहा है। WHO ने कहा है कि इस नए सब-स्ट्रेन की गंभीरता जानने के लिए अभी और स्टडी की जरूरत है।
•WHO के मुताबिक, पिछले हफ्ते दुनिया भर में सामने आए कुल कोरोना केसेज में से 93% के लिए ओमिक्रॉन जिम्मेदार था, जिनमें इसके कई सब-वैरिएंट: BA.1, BA.1.1, BA.2, और BA.3 शामिल थे।
•WHO ने कहा है कि ओमिक्रॉन के सबसे पहले पहचाने गए सब-वैरिएंट BA.1 और BA.1.1 थे, जो अब भी ओमिक्रॉन के कुल केसेज में से 96% के लिए जिम्मेदार हैं।
•WHO ने माना है कि हाल के दिनों में ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट BA.2 के मामले भी बढ़े हैं। डेनमार्क जैसे देशों में तो ये 50 नए केसेज के लिए जिम्मेदार बन चुका हैं।
•ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट में करीब 28 अलग म्यूटेशन और खासतौर पर स्पाइक प्रोटीन में अलग म्यूटेशन हैं। स्पाइक प्रोटीन के जरिए ही वायरस इंसान के शरीर में एंट्री के गेट खोलता है।
•स्पाइक प्रोटीन पर अलग म्यूटेशन की वजह से ही ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट को आमतौर पर ओमिक्रॉन के लिए इस्तेमाल होने वाले R-T PCR टेस्ट से पकड़ना मुश्किल होता है।
•WHO ने कहा है कि कोरोना वायरस का ग्लोबल जीनोम डेटा उपलब्ध कराने वाले प्रमुख सोर्स GISAID को अब तक 57 देशों ने नए सब-वैरिएंट BA.2 के सैंपल्स भेजे हैं।
•भारत में जीनोम सीक्वेंसिंग की स्टडी करने वाली सरकारी संस्था INSACOG ने भी हाल ही में देश में ओमिक्रॉन का कम्युनिटी ट्रांसमिशन शुरू होने की बात कही थी।
•INSACOG ने कहा था कि देश में ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट के मामले तेजी से बढ़े हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अकेले कोलकाता में 80% नए केसेज के लिए ओमिक्रान का सब-वैरिएंट BA.2 जिम्मेदार है।