आश्वासन नहीं एक्शन पर ध्यान दे सरकार; मंत्रियों से नहीं माने किसान, आंदोलन जारी रहेगा:नया रायपुर में धरना दे रहे किसानों से 3 मंत्रियों ने 4 घंटो की चर्चा... Featured

बोलता गांव डेस्क।। आंदोलन के 27 दिनों बाद किसानों और सरकार के बीच पहली औपचारिक बैठक हुई है। जिसमें किसानों ने अपनी मांग बिंदुवार पेश की।

 

पिछले 27 दिन से NRDA भवन के सामने धरना देकर बैठे नवा रायपुर के ग्रामीणों का आंदोलन आगे भी जारी रहेगा। सरकार के तीन मंत्रियों से शनिवार को चार घंटे तक किसान प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की। उसमें भी उनकी मांगों को लेकर कोई एक्शन प्लान सामने नहीं आया। मंत्रियों ने किसानों को उनकी मांगों पर विचार का आश्वासन भर दिया। उधर नवा रायपुर पहुंचकर किसानों ने मांगे पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने का फरमान सुना दिया।

 

कई सालों से लंबित अपनी 9 मांगों को लेकर नवा रायपुर क्षेत्र के 27 गांवों के किसान आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन के जोर पकड़ने के बाद क्षेत्रीय विधायक और नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया ने बात करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन उनके तरीके से ग्रामीण भड़क गए। अभी हाल ही में किसानों की मांगों पर विचार के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंत्रिमंडलीय उपसमिति का गठन किया। इसमें कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, वन, आवास एवं परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर के साथ नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया को भी शामिल किया गया। इस समिति ने शनिवार को 12.30 बजे बैठक के लिए किसानों को आमंत्रित किया था। इस बैठक में तीन मंत्रियों के साथ अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू और विभागीय अफसर भी मौजूद रहे।

 

करीब चार घंटों तक बातचीत के बाद कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया, किसान प्रतिनिधियों से विस्तृत और सकारात्मक चर्चा हुई है। उन्होंने अपनी मांग और सुझाव रखे। बहुत जल्द ही इन सारी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। चौबे ने कहा, किसानों की तकलीफ है कि पिछली सरकार में उनसे छलावा हुआ है। इस सरकार से उनको बहुत उम्मीद है। उधर नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने कहा, बातचीत ताे ठीक हुई है, लेकिन सारी बातों पर सहमति नहीं बन पाई है। उन लोगों ने कोई ठोस एक्शन प्लान नहीं दिया। ऐसे में मांगे पूरी होने तक हमने आंदोलन जारी रखने का फैसला किया है।

 

पट्‌टों पर भी केवल सर्वे की बात

 

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, सभी गांवों में तत्काल प्रभाव से सर्वे कराने के निर्देश दिए जा रहे हैं। उसकी रिपोर्ट मंत्रिमंडलीय उप समिति के पास आएगी। उसके बाद ही बसाहट आदि के पट्‌टे दिए जाने पर विचार होगा।

 

इन मांगों के साथ चल रहा है आंदोलन

 

•नवा रायपुर पुनर्वास योजना के अनुसार अर्जित भूमि के अनुपात में उद्यानिकी, आवासीय और व्यावसायिक भूखंड पात्रतानुसार निःशुल्क मिलने के प्रावधान का पालन किया जाए।

•भू-अर्जन कानून के तहत हुए अवार्ड में भूस्वामियों को मुआवजा प्राप्त नहीं हुए हैं उन्हें बाजार मूल्य से 4 गुणा मुआवजा मिले।

•नवा रायपुर क्षेत्र में ग्रामीण बसाहट का पट्टा मिले।

•वार्षिकी राशि का पूर्ण रूपेण आवंटन किया जाए।

•पुनर्वास पैकेज.2013 के तहत सभी वयस्कों को मिलने वाला 1200 वर्गफीट प्लॉट दिया जाए।

•साल 2005 से भूमि क्रय-विक्रय पर लगे प्रतिबंध को तत्काल हटाया जाए।

•आबादी से लगी गुमटी, चबूतरा, दुकान, व्यावसायिक परिसर को 75% प्रभावितों को लागत मूल्य पर देने के प्रावधान का पालन किया जाए।

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