बोलता गांव डेस्क।।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भूटान ने अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान किया है. इस तरह भूटान से उसका सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्राप्त करने वाले वह पहले विदेशी शासनाध्यक्ष बन गए हैं. भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने पीएम मोदी को 'ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो' से सम्मानित किया. पीएम मोदी ने इस सम्मान का आभार जताया और कहा कि वह इस सम्मान को 140 करोड़ भारतीयों को समर्पित करते हैं.
#WATCH | Union Home Secretary Ajay Bhalla says, " We had a discussion with All India Motor Transport Congress representatives, govt want to say that the new rule has not been implemented yet, we all want to say that before implementing Bharatiya Nyaya Sanhita 106/2, we will have… pic.twitter.com/14QXaVUg7t
— ANI (@ANI) January 2, 2024
क्या बोले पीएम मोदी?
सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित होने के बाद पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि, 'आज एक भारतीय होने के नाते मेरे जीवन का बहुत बड़ा दिन है. आपने मुझे भूटान के सर्वोच्च राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मानित किया है. हर अवार्ड अपने आप में विशेष होता है, लेकिन जब किसी अन्य देश से अवार्ड मिलता है, तो भरोसा मजबूत होता है कि हम दोनों देश सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. भारत और भूटान के संबंध जितने प्राचीन हैं, उतने ही नवीन और सामयिक भी हैं. 2014 में जब मैं भारत का प्रधानमंत्री बना, तो मेरी पहली विदेश यात्रा के रूप में मेरा भूटान आना स्वाभाविक था. 10 वर्ष पहले भूटान द्वारा किए गए उस स्वागत और गर्मजोशी ने प्रधानमंत्री के रूप में मेरी कर्तव्य यात्रा की शुरुआत को यादगार बना दिया था.'
पीएम मोदी के लिखे गीत पर हुआ गरबा
पीएम मोदी दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर शुक्रवार को भूटान की राजधानी थिम्पू पहुंचे. यहां पीएम मोदी का पारो हवाई अड्डे पर पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया. हवाई अड्डे पर भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने उनकी अगवानी की. पारो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से थिम्पू तक के 45 किलोमीटर लंबे मार्ग को भारत और भूटान के झंडों से सजाया गया था और मार्ग के दोनों ओर खड़े भूटानी लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया. राजधानी में पीएम मोदी के सम्मान में हुए कार्यक्रम कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं, इनमें सबसे महत्वपूर्ण तो वह गरबा प्रस्तुति रही, जिसके गीत को खुद पीएम मोदी ने ही शब्द दिए थे.