Chhattisgarh Assembly Election 2023: कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत (Supriya Shrinate)ने बुधवार को कहा कि भाजपा (BJP) गरीबों और जरूरतमंदों के लिए कल्याणकारी पहल (Social Welfare schemes) को 'रेवड़ी' कहती है, लेकिन उद्योगपति मित्रों को परोसी गई 'रबड़ी' के बारे में नहीं बोलती है.
श्रीनेत ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को 'रेवड़ी' और 'रबड़ी' के बीच की लड़ाई करार देते हुए कहा कि यदि भाजपा जनकल्याण के कार्यों को 'रेवड़ी' बांटना कहती है, तो कांग्रेस ऐसा करती रहेगी. वहीं, उन्होंने 2018 के चुनावों के वक्त कांग्रेस की ओर से प्रदेश में शराबबंदी के वादे पर कहा कि इसे राज्य में कैसे लागू किया जा सकता है, यह विचार-विमर्श और आम सहमति के बाद अगली निर्वाचित सरकार तय करेगी.
रेवड़ी और रबड़ी के बीच मुकाबला
श्रीनेत ने कहा, लेकिन हकीकत यह है कि यह चुनाव अंततः रेवड़ी और रबड़ी के बीच मुकाबला बन गया है. जब आदिवासियों, मजदूरों, दलितों, शोषितों, वंचितों और किसानों के लिए कल्याण का कार्य किया जा रहा है, तो भाजपा और प्रधानमंत्री इसे रेवड़ी कहते हैं. लेकिन जब अपने उद्योगपति मित्रों को थाली में परोसी जाने वाली रबड़ी पर कोई चर्चा नहीं हुई. यदि वे जनकल्याण के कार्यों को रेवड़ी कहते हैं, तो हम इसे बांटना जारी रखेंगे.
"भाजपा के पास कोई मुद्दा नहीं"
उन्होंने इस दौरान भूपेश बघेल सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और उपलब्धियों का जमकर गुणगान किया. उन्होंने कहा कि पांच वर्षों में 40 लाख लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है. कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पांच साल में 85 हजार नौकरियां दीं और रोजगार के पांच लाख अवसर पैदा किए. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ चुनावों में कांग्रेस की जीत का विश्वास जताते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के पास उठाने के लिए कोई मुद्दा नहीं है और वह राज्य में अपना अस्तित्व खो चुकी है. न तो उसमें ऊर्जा है और न ही उत्साह.